काम करने की आदत होना अच्छी बात है। अगर जरूरत पड़ने पर ज्यादा काम करना पड़े तो उसके लिए भी तैयार रहना चाहिए और जब आप किसी ऊंचे पद पर होते हैं तो फिर जिम्मेदारियां तो बढ़ ही जाती हैं। हम बात कर रहे हैं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की। सीएम योगी की यह आदत काफी अफसरों और मंत्रियों को परेशान कर रही है। सीएम ने मंत्रियों को यहां तक कह दिया है कि 24 घंटे में 16 से 18 घंटे तक काम करना पड़ेगा। इसके लिए सभी तैयार रहिए। अगर ऐसा नहीं कर सकते तो रास्ते सबके लिए खुले हैं। 3 अप्रैल को ही सीएम योगी ने मंत्रियों और अफसरों के साथ मीटिंग की थी। उन्होंने काम काज के बारे में कुछ प्रजेंटेशन भी देखीं। कुछ मंत्री तो इस बात को लेकर परेशान हैं कि वह उनके बराबर काम कैसे करेंगे। सीएम के बराबर काम करना तो बहुत मुश्किल है।
सीएम योगी ने नवरात्र के व्रत भी रखे थे। 3 अप्रैल की रात को सीएम एनेक्सी ऑफिस में थे। वह अपनी पहली कैबिनेट मीटिंग की तैयारियों में लगे थे। उस दौरान वहां ज्यादातर मंत्री भी मौजूद थे। व्रत पर होने के कारण उन्होंने केवल 2 बार चाय पी इसके अलावा कुछ नहीं खाया। सीएम के अलावा कुछ मंत्री नवरात्र के व्रत पर थे। इस दौरान सीएम ने खुद तो फलाहार नहीं किया लेकिन अपने मंत्रियों को जरूर कराया। सीएम की इस बात को लेकर भी नाराजगी दिखी कि कुछ कैबिनेट मंत्री खुद मीटिंग में नहीं थे। सीएम ने आदेश दिया है कि अगले छह महीने में कौन मंत्री क्या करेगा इसकी पूरी जानकारी मिल जानी चाहिए। कोई भी मंत्री काम के दिनों में 20 अप्रैल तक छुट्टी नहीं लेगा और न ही लखनऊ से बाहर जाएगा।
सूत्रों से पता चला कि सीएम रोजाना के काम की रिपोर्ट भी लेते हैं। शाम को 6 बजे से लेकर आठ बजे तक सीएम योगी सभी विभागों के अध्यक्षों से रोजाना उनके काम की पूरी रिपोर्ट लेते हैं। सीएम योगी के काम करने के तरीके से अफसर मुश्किल में दिख रहे हैं। पिछली सरकार में आराम से काम करने वाले अफसर अब सतर्क हो गए हैं। अफसरों को शायद इस बात का डर है कि सीएम पता नहीं कब उनके ऑफिस में आ जाएं और कौन सी फाइल मांग लें। 3 अप्रैल की मीटिंग में भी कुछ ऐसा ही हुआ था। सीएम ने कोई फाइल मांगी थी जो नहीं मिली इससे सीएम नाराज हो गए थे।