Sunday, May 19, 2024
featuredउत्तर प्रदेश

असुरक्षित लड़कियां

SI News Today

असुरक्षित लड़कियां

उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में सरेआम छेड़खानी के वायरल हुए वीडियो से यह बात फिर साबित हो गई है कि चाहे जितने मर्जी ‘एंटी रोमियो स्क्वाड’ बना लिए जाएं, लड़कियों से बदसलूकी नहीं रुकेगी। इसी बदसलूकी के साथ फिर से लड़कियों को सलाह मिली है कि उन्हें घर से नहीं निकलना चाहिए! इस बार भी दोष उन लड़कियों का ही है क्या? दो लड़कियां भरी दोपहरी में सूट-सलवार में घर से निकलती हैं तो कुछ बदमाश मनचले उन्हें घेर लेते हैं और उनके साथ अपनी घटिया हरकतें शुरू कर देते हैं। उनकी बदतमीजी यहीं नहीं रुकती, बल्कि वे अपनी छिछोरी बहादुरी दिखाने के लिए खुद ही उस पूरी घटना का वीडियो बनाते हैं और उसे इंटरनेट पर भी डाल देते हैं। इससे साफ पता चलता है कि न तो उन लड़कों में शर्म थी और न ही कानून का डर।
अफसोसनाक है कि खुद को जनता का सेवक कहने वाले कुछ नेता ऐसे मामलों में भी ठोस कदम उठाने के बजाय दूसरी पार्टी पर लांछन लगाना शुरू कर देते हैं। साथ ही लड़कियों को घर बैठने की नसीहतें देने लगते हैं। आखिर क्यों बैठें घर में लड़कियां? क्या कभी सोचा है कि अगर सभी लड़कों को घर में बिठा दिया जाए तो उससे भी रेप और छेड़छाड़ जैसी घटनाओं पर विराम लग सकता है। फिर क्यों नहीं वे लड़कों-पुरुषों के घर से बाहर निकलने पर पाबंदी की वकालत करते?

विडंबना है कि हर बार सरकारें बदलती हैं लेकिन महिलाओं की सुरक्षा के मोर्चे पर कहीं भी सुधार होता नहीं दिखता। बल्कि कभी लड़कियों के मोबाइल रखने पर पाबंदी को लेकर तो कभी उनके पहनावे को लेकर हिदायतें मिलने लगती हैं। हद तो तब हो जाती है जब लड़कियों के ‘चाउमीन खाने से रेप होता है’ जैसे बयानतक सुनने को मिलते हैं। लड़कियों को घर से ही नहीं निकलने की सलाह देने वाले लोग भूल जाते हैं कि उन्होंने ही घर से बाहर निकल कर देश के नाम को बुलंदियों पर पहुंचाया है। 2016 के ओलंपिक में जहां कहीं से भारत को कोई पदक हाथ नहीं लगा तब लड़कियों ने ही अपनी प्रतिभा का दमखम दिखाया। जहां देश की राष्ट्रपति होने का गौरव भी एक महिला अपने दम पर हासिल कर चुकी है, उस देश में महिलाओं को चारदीवारी में रहने की सलाह क्यों दी जाती है! हाल ही में आए बारहवीं कक्षा के परीक्षा परिणामों में लड़कियों ने ही अव्वल दर्जा हासिल किया है।
केवल बेतुकी नसीहतें देकर अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों से नहीं बचा जा सकता। चाहे पक्ष हो विपक्ष, कुछ मामलों में तो कम से कम ताने कसने के बजाय ठोस काम करें। महिला सुरक्षा भी उनमें से एक है।
’खुशबू, मुकुंदपुर, दिल्ली
चुनौती पर चुप
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी बहुमत मिलने के बाद से सभी राजनीतिक दल ईवीएम मशीन में गड़बड़ी होने का मुद्दा जोरशोर से उठाते रहे हैं। आम आदमी पार्टी से लेकर सपा, बसपा, कांग्रेस समेत सभी पार्टियों ने चुनाव आयोग पर अंगुली उठाई थी। इनमें सबसे ज्यादा शोर आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल ने मचाया। यहां तक कि दिल्ली नगर निगम चुनाव में करारी हार मिलने के बाद उन्होंने चुनाव आयोग को धृतराष्ट्र की संज्ञा दे डाली। दिल्ली विधानसभा में केजरीवाल सरकार ने ‘लाइव डेमो’ में ईवीएम को ‘हैक’ करने का दावा भी किया। लेकिन जब चुनाव आयोग ने सभी दलों को ईवीएम मशीन में गड़बड़ी को साबित करने की चुनौती दी तो कोई भी दल इसे स्वीकार करने की हिम्मत नहीं कर रहा। इससे साफ है कि सभी दल जानते हैं कि ईवीएम मशीन में गड़बड़ी नहीं थी लेकिन जनता को बेवकूफ बनाने के लिए ही वे शोर मचा रहे थे।

SI News Today

Leave a Reply