Sunday, May 19, 2024
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अपने ही विभाग में फिसड्डी साबित हो रहे मुख्यमंत्री

SI News Today

Chief Minister proves to be lazy in his own department.

          

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आज मुख्यमंत्री योगी की पीठ थप-थपाते हुए यह कहा,की योगी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश से माफ़ियाओं का पूरी तरह से खात्मा कर दिया गया है। लेकिन क्या माफिया की श्रेणी में लूट हत्या और अपहरण करने वाले अपराधी ही आते हैं। क्या मात्र इन अपराधियों को मार गिराने से उत्तर प्रदेश खुशहाली और उन्नति के रास्ते पर आ खड़ा होगा। शायद नहीं क्योंकि उत्तर प्रदेश में कई तरह के माफ़ियाओं के सिंडिकेट ने अपनी जड़ें फैला रखी हैं, जो धीरे धीरे समाज को और सरकार के नीतियों को खोखला करने पर अमादा हैं। इस तरह के माफिया सिंडीकेट में अधिकारियों, नेताओं और प्रशासन की मिलीभगत भी देखने को मिलती है और आये दिन इन माफ़ियाओं की करतूत हमें घोटालों के रूप में सामने आती दिखती हैं।

ऐसा ही एक घोटाला मऊ जिले में खद्यान्न विभाग के अधिकारियों द्वारा लगातार किया जा रहा है। जिसमें मऊ जिलापूर्ति कार्यालय में तैनात पूर्ति निरीक्षक हर्षिता राय एवँ लिपिक धीरज कुमार अग्रवाल तथा जिलापूर्ति अधिकारी के अंतर्गत काम करने वाले प्राइवेट कर्मचारी एवं चपरासी नारायण यादव प्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित दिखाई पड़ते हैं और यदि गहन जांच करवाई जाए तो इसमें खाद्यपूर्ती विभाग से सम्बंधित बड़े चेहरे भी सामने आ सकते हैं। लेकिन योगी सरकार में योगी के कैबिनेट के अंतर्गत आने वाले इस विभाग में ऐसा होता सम्भव नहीं दिख रहा है,यहां तो उल्टा विभाग खुद के भ्रष्टाचार को खुद ही जांच कर उसको दबाने में लगा हुआ है। आपको बता दें मऊ जिले में पिछले कई वर्षों से बड़े पैमाने पर खद्यान्न संबंधित भ्रष्टाचार किया जा रहा है। जिसमे शिकायकर्ताओं द्वारा मुख्यमंत्री से लेकर खाद्य एवं रसद मंत्री अतुल गर्ग समेत विभागीय अधिकारियों तक से शिकायत की गई है। लेकिन अभी तक इस भ्रष्टाचार में न ही विभाग द्वारा और न ही मंत्रालय द्वारा किसी भी प्रकार की कोई भी कार्यवाही देखने को मिली है। मऊ जिले की यह शिकायत मुख्यमंत्री के संज्ञान में होने के बावजूद भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर कोई भी फर्क ना पड़ना यह स्पष्ट करता है कि मुख्यमंत्री अभी तक खद्यान्न विभाग के मामलों में कमजोर साबित हुए हैं।

मुख्यमंत्री योगी द्वारा बीते दिनों गोण्डा एवं फतेहपुर जिलाधिकारी समेत 11 अधिकारियों के खाद्यान्न विभाग में लापरवाही के कारण की गयी कड़ी कार्यवाही के उपरांत यह लगने लगा कि अब उत्तर प्रदेश के सबसे भ्रष्ट विभाग के तौर पर देखे जाने वाले खाद्य एवं रसद विभाग में बड़ी तब्दीलियां दिखाई पडेंगी और इस विभाग के जड़ में समाहित भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और सक्रिय खद्यान्न माफ़ियाओं के सिंडिकेट भी टूटते नज़र आएंगे। लेकिन मऊ जिलापूर्ति अधिकारियों ने इस गलतफहमी को दूर करते हुए यह स्पष्ट किया कि योगी हों या मोदी वे चोरी बंद करने से बाज नहीं आने वाले। और तो और विभाग के सारे अधिकारी अपने भ्रष्ट कर्मचारियों पर चल रही जांच में खानापूर्ति करके भ्रष्टाचारियों को बचाने में जुट गए हैं। आपको बता दें तमाम शिकायतों के बाद विभाग ने जांच पार्थ अच्युत,उपायुक्त(खाद्य) वाराणसी मण्डल, वाराणसी को सौंपी थी।

हमारे सूत्रों द्वारा यह ज्ञात हुआ कि पार्थ अच्युत, उपायुक्त(खाद्य) वाराणसी मण्डल, वाराणसी ने जांच पूरी करके रिपोर्ट 18/07/18 को ही शासन में भेज दी है लेकिन अभी तक शासन द्वारा किसी भी प्रकार की कोई भी कार्यवाही देखने को नहीं मिली है। यह लेटलतीफी मात्र मुख्यमंत्री की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न ही नहीं है यह वह बैरियर है जो 2019 चुनाव में भाजपा सरकार के लिए एक चुनौती के रूप में सामने आने वाला है। उत्तर प्रदेश को माफिया मुक्त प्रदेश बता कर सीना चौड़ा करने वाले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भी वास्तविकता का ज्ञान होना चाहिये कि उत्तर प्रदेश में माफिया केवल लूटमार, अपहरण हत्या ही नहीं करते अपितु वे खद्यान्न घोटालों एवँ अवैध खनन जैसे कार्यों में भी सक्रियता बढ़ा कर उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियों का दमन निर्भीकता से करते हैं। जिन पर लगाम न लगा पाना यह दिखाता है कि अपने ही विभाग में फिसड्डी साबित हो रहे मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी।

@Pushpen40953031

SI News Today
Pushpendra Pratap singh

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