Sunday, May 19, 2024
featuredउत्तर प्रदेशक्राइम न्यूज़मऊलखनऊ

मऊ जिलापूर्ति अधिकारी के आगे एक ना चली प्रभारी मंत्री नन्दी की दिए गए आदेश की उड़ाई धज्जियाँ।

SI News Today

In front of Mau District Supply Officer, a flurry of orders issued by Minister Nandi.

यहाँ तहजीब बिकती है यहाँ फरमान बिकते हैं
ढंग से कीमत तो लगाओ यहाँ इंसान बिकते हैं।।

उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद के खाद्य एवं रसद विभाग का चरित्र चित्रण कहीं न कहीं इन चार पंक्तियों में स्पष्ट दिखता हैं। जी हाँ बीते कुछ साल में यहाँ पर गरीबों के निवाले की चोरी ने इस विभाग और यहाँ के अधिकारियों की तहजीब को दिखाया है और करीब 6 माह पहले भाजपा कार्यकर्ता के द्वारा की गई शिकायत पर प्रभारी मंत्री के द्वारा जारी फरमान की धज्जियाँ उड़ा कर भाजपा के भ्रष्टाचार मुक्त शासन पर कालिख पोतने का कार्य किया है। आपको बता दें कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को यहाँ से करारी हार का सामना करना पड़ा था,और यह हार जिले में भाजपा के शीर्ष नेताओं की निष्क्रियता और भ्रष्ट अधिकारियों के सामने लाचारी का एक सबूत है। आपको जानकर यह हैरानी होगी पूर्ति लिपिक अमरनाथ मौर्य पर घोषी तहसील में तैनाती के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता द्वारा लगाया गया था जिसपर संज्ञान लेते हुए प्रभारी मंत्री नंद गोपाल नंदी ने अमरनाथ मौर्या को घोसी तहसील से हटा कर मुख्यालय भेजने का आदेश दिया था लेकिन पुनः जिले के विवादित जिलापूर्ति अधिकारी नरेंद्र तिवारी ने प्रभारी मंत्री के आदेश पर पलीता लगाते हुए उन्हें फिर से पुरानी तैनाती पर भेज दिया है। हमारे सूत्रों की माने तो जिला पूर्ति अधिकारी द्वारा आये दिन आदेश जारी कर ट्रांसफर किये जाते हैं तथा सुविधा शुल्क की वसूली के बाद पुनः कर्मचारियों को उनकी तैनाती पर वापस भेज दिया जाता है उदाहरण के तौर पर जिलापूर्ति अधिकारी द्वारा 18/01/19 में जारी आदेश में कुछ नामों को पुनः पांच दिन बाद 23/01/19 को वापस पुरानी तैनातियों पर भेज दिया गया है। आपको बता दें कि मऊ जनपद में यह भ्रष्टाचार पिछले कई वर्षों से लगभग हर तहसील और ब्लॉक में फ़र्ज़ी कार्ड और यूनिट का खेल खेल कर सरकार को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है सूत्रों के अनुसार कोपागंज ब्लॉक में तैनात पूर्ति निरीक्षक हर्षिता राय पर भ्रष्टाचार की जांच पूर्व में होने के बावजूद भी इनके द्वारा लिपिक के साथ मिलकर फर्जी कार्ड व यूनिट का भ्रष्टाचार किया जा रहा है जिसपर जिलापूर्ति अधिकारी की चुप्पी उनके मिलीभगत को स्पष्ट दर्शाती है। इस भ्रष्टाचार के खेल पर अब तक शीर्ष अधिकारियों की चुप्पी भी संदिग्ध जान पड़ती है।लेकिन यह देखना है कि नरेंद्र तिवारी जैसे अधिकारी जो सरकार के आदेश और सरकार की मंशा पर कालिख पोतते हैं आखिर कब तक सरकार की नज़रों से बचे रह पायेंगे। गरीबों का निवाला छीन कर इंसानियत बेचने वाले इन भ्रष्टाचारियों से ये चार पंक्तियां एक प्रश्न पूछती हैं!

एक आदमी पेट काट कर , अपना घर चलाता है..

खून पसीना बहा बहा कर , मेहनत की रोटी खाता है..

खुद भूखा सो जाये पर , बच्चो की रोटी लाता है..

तू उनसे छीन निवाला , जाने कैसे जी पता है.. !!

SI News Today

Leave a Reply