उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार आधी रात को एक न्यूज पेपर में छपी एक खबर की कटिंग को अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया लेकिन लोगों द्वारा खिंचाई होता देख उन्होंने उसे डिलीट कर दिया। इस अखबार की रिपोर्ट में समाजवादी पार्टी के कार्यकाल के दौरान गौशालाओं को दिए जाने वाले सरकारी आवंटन का 86 फीसद, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की भाभी और मुलायम सिंह यादव के दूसरे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव के एनजीओ को देने की बात कही गई है। अखिलेश ने बिना यह जाने की खबर उनके परिवार पर ही तंज कस रही है और उन्होंने इसे अपने ट्विटर पर शेयर कर दिया। अखिलेश के ट्विटर पर करीब 3.59 मिलियन फॉलोअर्स हैं। इससे पहले की अखिलेश इस गलती को सुधार पाते कई यूजर्स ने इस ट्वीट को लेकर उनकी काफी खिंचाई की। हालांकि बाद में इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया।
इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए एक यूजर ने लिखा अखिलेश यादव ने क्या सोचकर यह ट्वीट किया था। वहीं बीजेपी के नेता तजिंदर बग्गा ने अखिलेश ट्वीट के जरिए पूछा कि क्यों ये ट्वीट डिलीट कर दिया? एक यूजर ने लिखा मुझे गर्व है कि इस इंग्लिश न्यूज पेपर के फ्रंट पेज पर अखिलेश यादव की खबर छपी है। इससे क्या फर्क पड़ता है अगर यह घृणा या भतीजीवाद के लिए है। एक ने लिखा ट्वीट डिलीट करने से क्या फर्क पड़ता है। अखिलेश ने क्या सोचकर यह ट्वीट किया था। इसी तरह कई लोगों ने उनकी जमकर खिंचाई की।
आपको बता दें कि आरटीआई द्वारा हुए खुलासे में सामने आया है कि राज्य में अखिलेश यादव के कार्यकाल के दौरान, गौसेवा आयोग से मिलने वाले गौशाला फंड्स का बड़ा हिस्सा अपर्णा याजव के एनजीओ जीव आश्रय को गया है। सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में यूपी गौसेवा आयोग ने अपने जवाब में कहा कि सपा सरकार के 5 सालों के कार्यकाल में कुल 9.66 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई थी, जिसमें से 8 करोड़ 35 लाख रुपए अपर्णा के जीव आयोग एनजीओ को दिया गया है।