लखनऊ: महिला से सामूहिक दुराचार व नाबालिग से दुराचार का प्रयास करने के आरोपी पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति सहित सात आरोपियों के विरुद्ध विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट उमाशंकर शर्मा ने आरोप तय करते हुए पाक्सो एक्ट के आरोपों से मुक्त किए जाने की मांग वाली अर्जी खारिज कर दी है। कोर्ट ने साक्ष्य प्रस्तुत करने को एक अगस्त की तारीख तय की है।
अदालत ने अर्जी खारिज करते कहा कि मजबूत संदेह का साक्ष्य भी आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त होता है लेकिन, इस मामले में संदेह ही नहीं बल्कि गवाहों के बयान व अन्य साक्ष्य से भी अभियुक्त विकास वर्मा के साथ-साथ अभियुक्त गायत्री प्रसाद प्रजापति, आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य पत्रवली में मौजूद हैं। ऐसे में इनके खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धाराएं हटाना गलत होगा।