Saturday, July 27, 2024
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छात्रवृत्ति के नए नियमों के कारण मदरसों में 34 फीसदी आवेदन कम…

SI News Today

लखनऊ: अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग में छात्रवृत्ति के नए नियमों के कारण इस बार लक्ष्य से 34 फीसदी कम आवेदन हुए हैं। फर्जी छात्र संख्या दिखाकर छात्रवृत्ति योजना का लाभ लेने वाले मदरसा प्रबंधक भी इस बार इसमें कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं। छात्रवृत्ति आवेदन के कड़े नियमों के कारण ही पूर्व दशम छात्रवृत्ति योजना में लक्ष्य का मात्र 66 फीसदी अभ्यर्थियों ने ही आवेदन किया है। जबकि पिछले वर्ष लक्ष्य से ढाई गुना अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।

मदरसों में छात्रवृत्ति को लेकर भी काफी खेल होता रहा है। इसलिए इस बार योगी आदित्यनाथ सरकार ने छात्रवृत्ति के नियम कड़े कर दिए हैं। नियम इस तरह बनाए गए हैं ताकि इसमें फर्जी छात्र आवेदन ही न कर सकें। छात्रवृत्ति योजना में दो लाख रुपये तक की सालाना आय वाले परिवारों के बच्चों को यह छात्रवृत्ति मिलती है।

पहले स्वघोषित प्रमाण पत्र के जरिये छात्रवृत्ति के आवेदन भरे जाते थे लेकिन, इस बार तहसील से बना हुआ आय प्रमाण पत्र जरूरी कर दिया है। इसके अलावा आवेदन पत्र के लिए मोबाइल नंबर भी अनिवार्य कर दिया है। इसमें ओटीपी आने के बाद ही आवेदन पत्र भरा जा सकता है।

इसमें भी ऐसे नियम बनाए गए हैं ताकि एक मोबाइल नंबर से दो से ज्यादा आवेदन पत्र नहीं भरे जा सकते हैं। यही कारण है कि चार महीने की समय सीमा बीतने के बावजूद लक्ष्य का 66 फीसदी ही आवेदन हुआ है। इस बार प्रदेश में पूर्वदशम छात्रवृत्ति के लिए 4.97 लाख लक्ष्य रखा गया था। लेकिन एक जून से 30 सितंबर के बीच मात्र 3.30 लाख ही आवेदन हुए हैं।

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