लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सादगी पसंद हैं, लेकिन उनके दौरे में नौकरशाही स्वागत-सत्कार का मुखौटा लगाकर अपनी खामियां छिपाने की कोशिश कर रही है। कई बार की मनाही के बावजूद खास इंतजाम करने से अफसर मान नहीं रहे हैं।
हद तो यह कि देश के लिए बलिदान होने वाले शहीद के घर संवेदना जताने पहुंचे मुख्यमंत्री के स्वागत में भी खूब तामझाम किए गए। इससे बड़ी किरकिरी हुई और सीएम भी नाराज हुए। अब ऐसे इंतजाम पर रोक का फरमान जारी किया गया है।
मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसपी गोयल ने अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, मंडलायुक्त और सभी जिलों के डीएम-एसपी को पत्र भेजकर मुख्यमंत्री के जिलों के क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान किसी भी तरह की विशेष व्यवस्था न करने की हिदायत दी है। कहा है कि कई बार के निर्देश के बावजूद लाल कालीन, विशेष रंग की तौलिया और विशेष तरह के सोफे का उपयोग किया गया।
मुख्यमंत्री पहले ही निर्देश दे चुके हैं कि उनके दौरे में दिखावा न किया जाए। गोयल ने उल्लेख किया है कि देवरिया और गोरखपुर में मुख्यमंत्री के शहीद सैनिकों के घरवालों से भेंट के दौरान उनके आवासों पर कालीन, सोफा और एसी लगाए गए थे।
गोरखपुर में भी हुई थी चूक: जम्मू-कश्मीर के पूंछ में शहीद हुए देवरिया जिले के शहीद प्रेमसागर के परिवार से मिलने योगी पहुंचे थे। प्रशासन ने शहीद के घर पर स्वागत के खूब इंतजाम किए। वहां विंडो एसी, सोफा लगाए गए। योगी तब नाराज हुए थे। मुख्यमंत्री चार-पांच दिन पहले जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए सीआरपीएफ के सब इंस्पेक्टर साहब शुक्ला के गोरखपुर जिले के बेलीपार इलाके में स्थित आवास पर संवेदना प्रकट करने पहुंचे तो वहां भी देवरिया वाली गलती दोहराई गई। कूलर, सोफा के खास इंतजाम किए गए।