उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपनी जनता के लिए कितनी जागरुक है इसका एक जीता-जागता उदाहरण बरेली के नवाबगंज इलाके में देखने को मिला है। स्थानीय निवासी कांति देवी और जगदीश शर्मा की नौ साल की बेटी की ब्रेन ट्यूमर से एक महीने पहले मौत हो जाने के बाद उसके इलाज के लिए अब सीएम कोष से 50 हजार रुपए की मदद पहुंचाई गई है। यह बच्ची के परिजनों के लिए बहुत ही अपमानजनक है कि उनकी बेटी के मर जाने के बाद इलाज के लिए पैसे सैंक्शन किए गए है। इस मामले पर बात करते हुए कांति देवी ने कहा कि जिला प्रशासन का एक अधिकारी हमारे घर आया और उसने हमसे कहा कि मेरी बेटी के इलाज के लिए सीएम ने पैसों की मदद की स्वीकृति दे दी है।
कांति ने कहा मैंने उस अधिकारी से बोला कि मेरी बेटी ने 3 जून को दम तोड़ दिया था। समय पर पर्याप्त इलाज न मिल पाने के कारण मेरी बेटी संध्या की मौत हो गई। अगर सरकार ने समय पर मदद की होती तो आज मेरी बेटी जिंदा होती। बता दें कि संध्या की सर्जरी के लिए डॉक्टर ने उसके माता-पिता से एक लाख रुपए का इंतजाम करने के लिए बोला था। मई में कांति और जगदीश ने जिला प्रशासन के जरिए सीएम योगी आदित्य नाथ को पत्र लिखकर मदद मांगी थी। कांति देवी ने कहा कि सीएम से मदद के लिए आवेदन भरने के बाद मैं रोज जिला प्रशासन के कार्यालय जाती थी। मैं रोज अधिकारियों से सीएम द्वारा जवाब दिया गया या नहीं इसके बारे में पूछा करती थी।
कांति देवी ने बताया कि जब संध्या पांचवी कक्षा में थी, तब घर आते समय उसका एक्सिडेंट हो गया था। इस हादसे में उसके दोनों पैरों में काफी चोंट आई थी। दो महीने के बाद उसे सिर में दर्द रहने लगा और इसके एक महीन बात संध्या की आंखों की रोशनी धीरे-धीरे जाने लगी। हमने संध्या को बरेली और पिलीभीत के कई डॉक्टरों को दिखाया लेकिन उसकी बीमारी ठीक नहीं हुई। इसके बाद संध्या का एमआरआई कराया गया जिसमें उसे ब्रेन ट्यूमर होने की बात सामने आई। डॉक्टरों द्वारा संध्या की सर्जरी के लिए एक लाख रुपए मांगे जाने के बाद हमने उनसे कहा था कि हमारे पास इतना पैसा नहीं है। इस पर डॉक्टरों ने हमसे कहा कि पहले पैसों का इंतजाम करो तब सर्जरी की जाएगी।