लखनऊ: कई दिन से उमस व तीखी धूप झेल रहा पश्चिमी उत्तर प्रदेश शुक्रवार सुबह से देर शाम तक लगातार भीगता रहा। कई दशक बाद सिंतबर में हुई अनवरत बरसात ने ठंड का अहसास करा दिया। तेज हवाएं चलने से धान और गन्ने की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है। निचले इलाके जल भराव से जूझते रहे और जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। बिजली आपूर्ति भी बाधित रही। गाजियाबाद में दीवार गिरने से किशोर की मौत हो गयी। झांसी और पूर्वांचल समेत प्रदेश के कई अन्य हिस्से भी जमकर भीग रहे हैं।
दिन भर हुई बरसात ने देर रात तक शहरों में कई जगह मुश्किलें भी पैदा कर दीं। नाले उफन गए और सड़के पानी में डूब गयीं। दुकानदार ग्राहकों की बाट जोहते रहे। स्कूली च्च्चे भीगते हुए घर लौटे। झमाझम बरसात से मुरादाबाद मंडल में कई जगह सड़कें तालाब बन गयीं। देहात में भारी बरसात से धान को नुकसान पहुंचा है। आगरा में गुरुवार आधी रात के बाद से ही ठंड बढ़ गई और बादल छा गए। दिनभर ठंडी हवाओं के साथ बादल बरसते रहे। धान व पछेती फसलों को संजीवनी मिली लेकिन बाजरा की अगेती फसल तेज हवाओं से गिर गई। आगरा में दोपहर बाद रिमझिम बारिश हुई। मथुरा में दिनभर फुहारें पड़ती रहीं और शाम को कुछ हिस्सों में बारिश हुई। फीरोजाबाद में दिनभर बूंदाबांदी से जलभराव हो गया। मैनपुरी में गुरुवार रात और एटा में तड़के शुरू हुई रिमझिम आफत और राहत लेकर आई। तापमान में काफी गिरावट आ गई।
दीवार गिरी, उड़ान ठहरी
गाजियाबाद में निवाड़ी थाने के नंगला-आक्खू गांव में बारिश से गिरी दीवार से दबकर 15 वर्षीय वसीम की मौत हो गई। बरेली मंडल में गुरुवार रात से लगातार बारिश हो रही है। तेज हवाएं चलने से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। शाहजहांपुर में धान व गन्ना को सर्वाधिक नुकसान पहुंचा है। बदायूं में कभी रिमझिम तो कभी झमाझम बारिश से मौसम ठंडा हो गया है। पीलीभीत में भी बारिश संग तेज हवाएं फसलों के लिए आफत बन गयीं। पूर्वांचल के कई जिलों में दोपहर बाद बादलों ने पानी गिराया। वाराणसी में दोपहर बाद बारिश शुरू होने से बाबतपुर एयरपोर्ट पर पीएम का हेलिकॉप्टर लगभग घंटे भर उड़ान नहीं भर सका। वहीं वाराणसी और आसपास के जिलों में भी बारिश हुई।
सूखे पर पलटवार
सूखे के दलदल में समाने की कगार पर खड़े बुन्देलखण्ड को आखिर राहत मिल गई है। 40 घर््ंटे से बरस रहीं घटाओं ने धरती भले ही तृप्त न किया हो, लेकिन उम्मीदों को पंख दे दिए हैं। मौसम विभाग अभी और बारिश की सम्भावना जता रहा है। तीन साल से लगातार दगाबाजी कर रहे मॉनसून ने इस बार भी सूखे के संकेत देना शुरू कर दिया था। जुलाई व अगस्त माह में वर्षभर का कोटा पूरा करने वाले मेघ इस बार दोनों माह रूठे रहे। सितम्बर माह का पहला पखवाड़ा भी सूखा निकलने से उम्मीदें टूटने लगीं। सूखे की आहट ने सरकार तक खलबली मचा दी।
बेतवा में आया वेग
मध्य प्रदेश में झमाझम बारिश ने झाँसी व ललितपुर के जलाशयों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। बेतवा में आये उफान से राजघाट का जलस्तर डेढ़ मीटर से अधिक बढ़ चुका है, और इसके देर रात तक लबालब होने की सम्भावना है। सिंचाई विभाग ने माताटीला बाँध के लिए पानी छोडऩे का अलर्ट भी जारी कर दिया है। माना जा रहा है कि अगले 24 घंटे में बेतवा पर निर्भर अन्य बाँधों की प्यास भी बुझ जाएगी। माताटीला बाँध पर बीते 24 घंटे में सर्वाधिक 200 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है, जबकि राजघाट पर 137 मिमी।