लखनऊ: लखनऊ यूनिवर्सिटी(एलयू) में छात्र संघ बहाली की मांग को लेकर आंदोलनरत छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से मुलाकात की। उनके नेतृत्व के प्रति अपना विश्वास जताया। छात्रों ने कहा, ”बीजेपी राज में छात्रों का उत्पीड़न हो रहा है। नौजवानों को रोजगार देने का वादा सिर्फ धोखा साबित हुआ है। युवा अखिलेश यादव के नेतृत्व से बहुत प्रभावित हैं।” आगे पढ़िए पूरा मामला…
– छात्रसंघ चुनाव बहाली की मांग को लेकर लखनऊ यूनिवर्सिटी (एलयू) के छात्र मंगलवार से धरने पर बैठे हैं। उन्होंने मांगे पूरी नहीं किए जाने तक बिना अन्न ग्रहण किए अनशन पर बैठे रहने की बात कही।
– उनका कहना है कि जब तक यूनिवर्सिटी प्रशासन उन्हें इलेक्शन कराने का आश्वासन नहीं देता है, तब तक वे यहां से हटने वाले नहीं हैं।
– इस दौरान 2 छात्रों की तबियत बिगड़ गई। बीमार होने वाले स्टूडेंटस में बीएससी का हिमांशु यादव और बीकाम का गौरव त्रिपाठी शामिल थे।
– उन्हें 108 एम्बुलेंस से सिविल हॉस्पिटल की इमरजेंसी में लाया गया। डाक्टरों ने दोनों स्टूडेंट्स का ट्रीटमेंट किया। तब जाकर उनकी हालात में सुधार हुआ।
– बता दें, एलयू के छात्र बीते एक हफ्ते से यूनिवर्सिटी के अंदर छात्रसंघ बहाली की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं।
प्रतिनिधिमंडल में ये छात्र थे शामिल
-आशीष मिश्र बाक्सर
-विपुल बालियान,
-विक्रांत भदौरिया, पुरैनी
-ऋषभ सिंह
-महेंद्र यादव
-माधुर्य सिंह सृजन
-हिमांशु
-अमृत मिश्रा
एलयू के ये छात्र बैठे थे अनशन पर
-अनुराग तिवारी
-अजीत प्रताप सिंह
-आशीष मिश्रा
-विनय विक्रम सिंह
-गौरव त्रिपाठी
-सौरभ सिंह बजरंगी
-हिमांशु यादव
-महेंद्र यादव
-माधुर्य सिंह
-नीरव सिंह
-सृजन शुक्ला
क्या कहते हैं स्टूडेंट्स ?
– एलयू में एबीवीपी के छात्र नेता अजीत कुमार सिंह का कहना है, ”छात्रसंघ चुनाव लोकतंत्र के लिए बहुत जरूरी है। राजनीति की कई बड़ी हस्तियां छात्रसंघ चुनाव से ही निकलकर आई हैं।”
– ”ऐसे में एलयू में छात्रसंघ चुनाव न कराना लोकतंत्र की हत्या करने जैसा है। ये छात्रों के साथ एक तरह का अन्याय है। इसे एलयू के छात्र बर्दाश्त करने वाले नहीं हैं। जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं की जाती है तब तक हमारा अनशन जारी रहेगा।”
पांच साल पहले इलेक्शन पर लगी थी रोक
– सपा ने 2012 में इलेक्शन जीतने के दौरान छात्र संघ चुनाव कराने का आदेश जारी कियाथा। इसके बाद लखनऊ यूनिवर्सिटी व इससे अटैच कॉलेजों में इसकी तैयारी जोरो से शुरू हो गई थी।
– लेकिन चुनाव से ठीक पहले एक छात्र नेता की ओर से हाईकोर्ट में एक रिट दायर कर चुनाव में लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों को लागू करने और उसी आधार पर चुनाव कराने की मांग की गई।
– इस पर हाईकोर्ट ने छात्र नेता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए मामले पर लखनऊ यूनिवर्सिटी और स्टेट गवर्नमेंट से अपना पक्ष रखने का ऑर्डर दिया था।
– एलयू के छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी की तरफ से अभी तक इस मुद्दे पर अपना पक्ष कोर्ट के सामने नहीं रखा गया है। केवल तारीख ली जा रही है। इस कारण से 5 साल बाद भी एलयू में छात्रसंघ चुनाव नहीं हो पाए है।