लखनऊ: यूपी विधानसभा में विस्फोटक मिलने पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को मामले की जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा के मामले में सभी को चौकन्ना रहने की जरूरत है। विधानसभा में काम कर रहे कर्मचारियों की जांच पुलिस को करनी चाहिए। साथ ही एनआईए को मामले की जांच करनी चाहिए।
जो भी इसमें संलिप्त पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।’ साथ ही उन्होंने कहा कि सुरक्षा गाइडलाइन जारी की जानी चाहिए और सभी को सख्ती से उसका पालन करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह एक आतंकी साजिश भी हो सकती है, ऐसे में सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए जाने की जरूरत है।
यूपी विधानसभा के स्पीकर हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि सुरक्षा के लिए प्रांतीय सशस्त्र सेना (पीएसी) और क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) को विधानसभा में तैनात किया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने राज्य सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है।
कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘किसी भी सरकार को इतनी जल्दी विफल होते हुए नहीं देखा। अगर विधानसभा में विपक्ष के नेता की सीट के नीचे विस्फोटक मिल सकता है तो आप प्रदेश में कानून व्यवस्था की क्या हालत होगी, यह समझ ही सकते हैं।’
विधानसभा के चालू सत्र के दौरान सदन में गुरुवार को सफेद रंग का संदिग्ध पाउडर मिलने से हड़कंप मच गया। दो घंटे की माथापच्ची के बाद भी फॉरेंसिक टीम नहीं पता कर सकी कि आखिर पाउडर क्या है। यह पाउडर सदन में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी से कुछ दूरी पर मिला। 60 ग्राम वजन के इस पाउडर को फॉरेंसिक लैब भेज दिया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि संदिग्ध पीईटीएन नाम का विस्फोटक मिला है। संदिग्ध पाउडर मिलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपातकालीन सुरक्षा बैठक बुलाई है। सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक होने के बाद विधानसभा में हड़कंप मच गया। तुरंत डॉग स्क्वॉड ने पूरे विधानसभा कक्ष को छाना और रात 12 बजे विधानसभा भवन बंद किया गया।
सूत्रों के मुताबिक, सीएम सिक्यॉरिटी से जुड़े लोगों को विधानसभा हॉल के भीतर सबसे पहले इस पाउडर के होने का पता चला था। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ को जानकारी दी। हालांकि, मौके से डेटोनेटर नहीं मिला है।
सीएम ने शाम चार बजे डीजीपी, प्रुमख सचिव, विधानसभा सचिव, प्रमुख सचिव गृह, प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन, एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर, एडीजी सिक्यॉरिटी, एएसपी विधान सभा समेत तमाम वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाया और विधान सभा और सचिवालय की सुरक्षा में लापरवाही के लिए खूब फटकार लगाई। यह बैठक कमरा संख्या-15 में हुई।