इटावा: भगवान राम ने अपने संघर्ष में वानरों का साथ लिया था इसलिए हर जगह उन्होंने सफलता पाई। यदि उन्होंने मनुष्य को साथ लिया होता तो कहीं न कहीं धोखा खा सकते थे। यह बात सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने रामलीला मैदान में राम बरात का शुभारंभ करने से पूर्व कही। संबोधन में अपनों से आहत होने का दर्द वे ज्यादा नहीं छिपा सके और कहा कि भगवान राम ने भी जीवन में बहुत कष्ट उठाए। उनका राज तिलक होने ही वाला था, तभी उनको 14 वर्ष के वनवास पर जाना पड़ा।
13 सितंबर 2016 को मंत्रिमंडल से हटाए जाने की बात करते हुए कहा कि उनके वनवास का भी एक साल पूरा हो चुका है, वे सत्य की राह पर हैं और अंत में विजय उन्हीं की होगी। उन्होंने यहां की रामलीला का जिक्र करते हुए कहा कि यह अब जसवंतनगर की रामलीला नहीं है, वल्र्ड हेरिटेज में शामिल होने के बाद पूरी दुनिया में आकर्षण फैला रही है। इस क्षेत्र की कला की लोग सराहना कर रहे हैं। यहां निर्माणाधीन लंका के बारे में जिक्र करते समय उन्होंने कहा कि रावण की लंका सोने की थी, मैं चाहता हूं कि पूरा जसवंतनगर क्षेत्र सोने का हो जाए।