Friday, July 26, 2024
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AIDS पर भारी पड़ा इनका Love

SI News Today

लखनऊ. 18 मई को वर्ल्ड एड्स वैक्सीन डे है। दुनियाभर में जहां लोग एड्स पर बात करने से कतराते हैं, वहां कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने अपनी इस बीमारी को ही जीने की वजह बनी ली। आज ये बिना किसी से छिपाए सम्मान के साथ लाइफ जी रहे हैं।  जोकि एड्स पीड़‍ित हैं। लेकिन कभी इन्होंने भी अपनी जिंदगी खत्म करने का मन बना लिया था।

कपल को ऐसे हुअा था एड्स, सुसाइड करने का बना लिया था मन

– यूपी के गोरखपुर के रहने वाले दयानंद गुप्‍ता HIV के पेशेंट हैं। वो कहते हैं, साल 2005 में मेरे रिलेटिव को ब्‍लड की जरूरत थी, मैंने ब्‍लड डोनेट किया। लेकिन पैथालॉजी कर्मचारियों की लापरवाही से मुझे HIV हो गया।
– जब मुझे इसके बारे में पता चला तो मैं डिप्रेशन में चला गया। समझ नहीं आ रहा था कि समाज का सामना कैसे करूंगा। मैं लोगों से नजर तक नहीं मिला पा रहा था।
– इतना ज्यादा डिप्रेशन में चला गया था कि मैंने सुसाइड करने का मन बना लिया था। हालांकि, डरते-डरते मैंने घर में इस अपनी बीमारी के बारे में बताया। मां-बाप, भाई-बहन सभी ने मेरा सपोर्ट किया। उसके बाद मैंने सुसाइड का ख्याल मन से निकाल दिया। मेरे खास दोस्त तो मेरे साथ रहे, लेकिन कुछ ने साथ छोड़ दिया।
– मेरी पत्‍नी भी HIV पॉजीटिव है। उसे 8 साल की उम्र में मां से यह संक्रमण हुआ था। बचपन में ही उसकी मां-बाप की डेथ हो गई थी। संक्रमण की वजह से चाचा-चाची ने भी बहिष्कार कर दिया। ऐसे में वो अपनी नानी के पास रहकर पली-बढ़ी।
– बड़ी होने पर जब उन्हें अपनी बीमारी के बारे में पता चला तो उन्होंने भी ड‍िप्रेशन में आकर पढ़ाई छोड़ दी।

ऐसे ही थी दोनों की मुलाकात

– दयानंद कहते हैं- पत्नी भी गोरखपुर की रहने वाली हैं। हमारी मुलाकात शहर की मेडिकल यूनिवर्सिटी में हुई थी। एआरटी सेंटर से मुलाकात के बाद मिलने का सिलसिला जारी रहा।
– हम दोनों ही HIV वायरस से लड़ रहे थे, तो एक-दूसरे की प्रॉब्‍लम को समझते थे। हमारा मिलना किस्‍मत थी। करीब 2 साल एक दूसरे को समझने के बाद हमने 2009 में शादी कर ली। शादी कराने की पहल एआरटी सेंटर के डाक्टर्स और काउंसलर्स ने ही की थी।
– आज हमारी शादी को 7 साल हो गए हैं। हम दोनों बहुत खुश हैं। पत्नी पीएचडी करना चाहती हैं। वर्तमान में वह एड्स पीड़ितों के लिए काम कर रही हैं। उनका नाम इस साल 2017 में फिक्की फ्लो अवार्ड के लिए भी सिलेक्ट हुआ था, लेकिन वह किसी कारण से अवॉर्ड लेने लखनऊ नहीं जा सकीं।

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