लखनऊ: सपा नेता राम गोविंद चौधरी की तबियत गुरुवार को विधानसभा सदन के दौरान बिगड़ गई। आनन-फानन में पार्टी सदस्य इन्हें सिविल हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। इसी के चलते सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है। योगी सरकार अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करेगी। बता दें, गुरुवार को विधानसभा में बजट सत्र पर चर्चा चल रही थी। इसी दौरन ही राम गोविंद चौधरी की तबियत खराब हुई। वहीं, बताया जा रहा है कि सीएम योगी विधान परिषद के सेकेंड फ्लोर में मौजूद थे, उसी दौरान कैंटीन में धुंआ भी निकल रहा था।
कौन है राम गोविंद चौधरी?
– समाजवादी पार्टी के विधायक राम गोविंद चौधरी को अखिलेश यादव ने यूपी विधानसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किया था।
– इन्हें अखिलेश यादव ने आजम खान और शिवपाल यादव की अनदेखी करते हुए विपक्षा का नेता नियुक्त किया था।
– 1977 में पहली बार चिलकहर विधानसभा सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। मौजूदा में बलिया जिले के बंसदीह सीट से जीतकर आए हैं।
– जयप्रकाश नारायण और चंद्रशेखर के साथ इनके पास काम करने का अनुभव है। आपात काल में राम गोविंद चौधरी 1977 में जेल भी गए थे।
क्या कहा हेल्थ मिनिस्टर ने ?
– यूपी सरकार के हेल्थ मिनिस्टर सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया, ”नेता विपक्ष पूरी तरह से स्वस्थ्य है, डॉक्टर ने सभी तरह के टेस्ट किए, जिनकी रिपोर्ट सही आई है। डॉक्टरों का कहना है कि कुछ देर में एक जांच और होनी है, जिसके बाद उनके डिस्चार्ज करने पर निर्णय किया जाएगा।”
CM योगी ने कहा- यूपी में जारी रहेगा एनकांउटर, विपक्ष के पास नहीं है कोई मुद्दा
– वहीं, गुरुवार को विधान परिषद में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ”22 करोड़ जनता को सुरक्षा देना सरकार का दायित्व है। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग अपराधियों के लिए सहानुभूति प्रकट कर रहे हैं। ये लोकतंत्र के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1200 एनकाउंटर हुए हैं। अपराधियों के खिलाफ ये अभियान नहीं रूकेगा। योगी ने कहा विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए विपक्ष के लोग गैर-जरूरी बात कर रहे हैं। सीएम एनकाउंटर के मुद्दे पर कहा कि नेता विपक्ष खुद पुलिस सेवा में रहे हैं। वो सच्चाई जानते हैं।”
विपक्ष पहले दिन से कर रहा है हंगामा
– वहीं, गवर्नर राम नाईक के अभिभाषण के दौरान विपक्ष के विधायकों ने हंगामा किया था। विपक्ष ने ‘गवर्नर वापस जाओ वापस जाओ’ के नारे लगाए थे। साथ ही विपक्ष ने गवर्नर के ऊपर कागज के गोले फेंके थे।
– विपक्ष के विरोध के बावजूद भी गवर्नर ने अपना अभिभाषण पढ़ा था। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के चेतावनी के बावजूद विपक्ष बैनर तख्ती और गुब्बारे लेकर पहुंचा था।