Strange story of haggling doctor in Unnao, neither fear of governance, nor concern of public.
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उन्नाव संवाददाता। वैसे तो अगर बात की जाय तो पूरे प्रदेश में झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ सी आ गयी है, लेकिन उन्नाव जनपद में लगभग हर गांव गली मे बैठकर बड़ी निर्भीकता के साथ इलाज कर रहे है कई बार ऐसे मामले भी आये है जिनमे मरीज की जान भी चली गयी है। मगर सवालिया निशान उठता है कि इन गाँव गली मे बैठे इन झोलाछाप डॉक्टरों पर आखिरकार प्रशासन कोई कार्यवाई क्यो नही कर प् रहा है। इनमे से कुछ तो ऐसे भी डॉक्टर है जो डिग्री/डिप्लोमा किसी दूसरे का है और इलाज कोई दूसरा कर रहा है फिर जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा इन पर कार्यवाई नही होती है।
ऐसा ही एक मामला उन्नाव जिले के पुरवा तहसील के पाठकपुर गांव का है, यहाँ पर एक बिना नेम प्लेट /बोर्ड के एक क्लीनिक संचालित है जिसमे पंकज माली नाम के डॉक्टर द्वारा ईलाज किया जाता है, किंतु इन डॉक्टर साहब के पास न तो कोई डिग्री है और न ही कोई डिप्लोमा है, अगर डिग्री भी है तो किसी दूसरे की। सूत्रो के अनुसार क्लीनिक पर प्रतिदिन सैकड़ो लोगो का किया जाता है लेकिन COVID-19 महामारी के दौरान भी यहाँ पर आने वाले मरीजो के लिए न तो मास्क की बाध्यता है और न ही सोशल डिस्टेंसिग का पालन, थर्मल स्कैनिंग की भी कोई व्यस्था नही थी। दवाईयों को तो कुड़े के ढेर मे जैसे रख रखा था और क्लीनिक के अंदर भी गंदगी का अंबार लगा हुआ था। कवरेज करने गये पत्रकारो ने जब उपरोक्त कमियो के विषय मे जब जानकारी चाही तो वहाँ पर इलाज कर रहे पंकज माली नामक तथाकथित डॉक्टर (जो दूसरे की डिग्री पर कार्य कर रहा था) ने बताया कि यह गांव है यहाँ ऐसे ही इलाज होता है जब उनसे उनकी डिग्री के विषय मे मे पूछा गया तो उन्होंने शिवम शुक्ला नाम के एक व्यक्ति व्यक्ति की एक डिग्री दिखाई जो कि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से जारी हुयी थी और आगे उन्होंने बताया कि शिवम शुक्ला एक डॉक्टर है और उन्होंने मुझे ईलाज करने के लिए अधिकृत किया है और वह आपसे बात कर लेंगे।
उसके लगभग एक घंटे बाद शिवम शुक्ला जो अपने आप को डॉक्टर बताते है उन्होंने अपने आप को विधायक का प्रतिनिधि बताते हुए पत्रकारो को फोन पर धमकी देते हुए कहा कि तुम लोग फर्जी पत्रकार हो हम तुम्हे देख लेंगे। अपना id कार्ड मुझे दिखाओ मै देखूंगा कि तुम पत्रकार हो कि नही और पैसे के दम पर मुकदमा लिखाने की भी धमकी भी दी जिसकी रिकॉर्डिंग भी है अब देखना यह होगा कि आखिर इन तथाकथित डॉक्टरो जोकि डिग्री किसी और की और ईलाज कोई और कर रहा है तथा डिग्री भी जबलपुर की असली है या नकली इसका भी पता नही इस तरहअब के फर्जी कार्य करने वालो तथा गाँव की भोली- भाली जनता की जान पर खेलकर ईलाज करने वालो पर कार्यवाई होगी या स्वस्थ्य विभाग के अधिकारी मेहरबानी बनाये रखेगा।
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