Saturday, July 27, 2024
featuredटेक्नोलॉजी

8 सालों में गायब हो जाएंगी पेट्रोल-डीजल से चलने वाली गाड़ियां

SI News Today

भविष्य में इलेक्ट्रिक कार्स का बोलबाला होगा यह आपने खूब सुना होगा लेकिन पेट्रोल और डीजल कार्स के भविष्य को लेकर एक स्टडी ने चौंकाने वाला दावा किया है। स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री टोनी सेबा ने अपनी स्टडी में दावा किया है कि 2030 तक पेट्रोल-डीजल की कार्स खत्म हो जाएंगी और उनकी जगह इलेक्ट्रिक कार्स ले लेंगी। टोनी का दावा है कि 2030 तक ऑइल(कार फ्यूल) बिजनेस लगभग पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक फॉसिल फ्यूल की कार्स आने वाले 8 सालों में खत्म हो जाएंगी और उनकी जगह पर लोग इलेक्ट्रिक कार्स को चुनेंगे। इस दावे की वजह में उन्होंने बताया है कि इलेक्ट्रिक कार्स की कीमत बेहद कम होंगी जिसके चलते फ्यूल कार्स बंद हो जाएंगी। रिपोर्ट के मुताबिक हर तरह के वाहन जैसे गाड़ियां, ट्रक, ट्रैक्टर, बस आदि सभी इलेक्ट्रिक कार्स हो ही चुनेंगे।

रीथिंकिंग ट्रांस्पोर्टेशन 2020-2030 (Rethinking Transportation 2020-2030) नाम की रिपोर्ट में टोनी का दावा है कि लोग आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ बढेंगे क्योंकि यह फ्यूल्ड वाहनों की तुलना में दस गुणा ज्यादा सस्ते होंगे और इनका मेंटेनेंस और फ्यूल कोस्ट भी न के बराबर हो जाएगी। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की लाइफ फ्यूल वाहनों से ज्यादा होगी। उनके मुताबिक जहां फॉसिल फ्यूल वाहनों के इंजन 3 लाख किलोमीटर तक चलने के बाद लगभग बेकार हो जाते हैं वहीं इलेक्ट्रिक कार्स की लाइफ 16 लाख किलोमीटर तक रहेगी। रिपोर्ट के मुताबिक इंटरनल कम्बस्शन इंजन (फ्लूय) के वाहनों की कीमत में भी इजाफा होगा। वहीं 2025 तक लगभग सभी तरह की कार्स जैसे बस, ट्रैक्टर, वैन्स, टू-व्हीलर्स सभी इलेक्ट्रिक होंगे।

स्टडी के मुताबिक इंटरनल कम्बस्शन इंजन 1910 से चले आ रहे हैं, जिससे वायु प्रदूषण की समस्या भी बढ़ी है। ऐसे में इस स्थिति से निपटने के लिए भी इलेक्ट्रिक कार्स की संख्या में इजाफा होगा। दुनियाभर में इलेक्ट्रिक कार्स का भविष्य उज्ज्वल माना जाता है। ऐसे में ऑडी, वॉक्सवेगन, मर्सिजीड-बेंज समेत कई ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चरर्स इलेक्ट्रिक वाहन बनाने की तकनीक पर जोर दे रहे हैं।

SI News Today

Leave a Reply