राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने फर्जी पासपोर्ट रखने के मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन राजेंद्र सदाशिव निखलजे उर्फ छोटा राजन तथा 3 अन्य को सोमवार को दोषी करार दिया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार गोयल ने राजन को एक फर्जी पासपोर्ट रखने के मामले में दोषी करार दिया। मंगलवार को सजा पर सुनवाई होगी। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने इससे पहले डॉन छोटा राजन की कथित तौर पर मदद करने वाले तीन रिटायर्ड पब्लिक सर्विस पर्सनल पर आरोप लगाए जाने के बाद ट्रायल चलाया था। आरोप था का इन तीन सरकारी अधिकारियों की मदद से छोटा राजन को मोहन कुमार के नाम पर पासपोर्ट जारी किया गया था।
सीबीआई का कहना था कि उक्त पासपोर्ट का इस्तेमाल छोटा राजन ने ऑस्ट्रेलिया भागने के लिए किया था। विशेष अदालत, पटियाला हाउस कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया गया था और राजेंद्र सदाशिव निकलजे उर्फ छोटा राजन और तीन पासपोर्ट अधिकारियों जय श्री रहाते, दीपक नटवरलाल शाह और ललित लायमंस को आरोपपत्र में आरोपी बनाया गया था। एजेंसी ने आरोपपत्र में आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी, जालसाजी के आरोप तथा भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधान लगाये थे।
सीबीआई के मुताबिक, छोटा राजन उक्त पासपोर्ट और पर्यटन वीजा पर 22 सितम्बर 2003 को आस्ट्रेलिया पहुंचा और उसके बाद धोखाधड़ी से विभिन्न वीजा प्राप्त किये व 25 अक्तूबर, 2015 तक वहां रहा। इंडोनेशियाई पुलिस ने राजन को बाली में 25 अक्तूबर 2015 को उसके खिलाफ इंटरपोल की ओर से जारी रेड कार्नर नोटिस पर तब हिरासत में लिया जब वह ऑस्ट्रेलिया से वहां पहुंचा था। बाली से उसे छह नवम्बर 2015 को भारत भेज दिया गया था।