कैलिफोर्निया में स्कूली किताबों में भारत और हिंदुत्व की नकारात्मक छवि पेश करने पर भारतीय अमेरिकियों ने गंभीर ऐतराज जताया है, जिसके बाद प्राधिकार ने किताबों में सुधार का सुझाव दिया है। अमेरिका के एक हिंदू संगठन ने यह जानकारी दी है। भारतीय अमेरिकी समुदाय स्कूल की किताबों से हिंदुत्व पर कुछ त्रुटियों और मिथकों को हटवाने के लिए लंबे वक्त से संघर्ष कर रहा है। वहीं कैलिफोर्निया राज्य का कहना है कि स्कूल की किताबें शिक्षा विभाग द्वारा तैयार किए गए मसौदे पर आधारित हैं।
मामला तब सामने आया जब हिंदू अमेरिकियों, एलजीबीटी और अफ्रीकन अमेरिकन समुदायों ने स्कूली किताबों में उनके समुदाय के बारे में ‘‘पक्षपाती और अनुचित चित्रण’’ करने पर एतराज जताया था। इस संगठनों ने इंस्ट्रक्शनल क्वॉलिटी कमीशन (आईक्यूसी) के समक्ष इस सप्ताह एक सुनवाई के दौरान अपना विरोध दर्ज कराया। इस संगठन पर टेक्स्ट बुक स्वीकृति प्रक्रिया आयोजित करने का जिम्मा है। किताबों से एकपक्षीय और त्रुटिपूर्ण कंटेंट हटाने की मांग करने के लिए आठ हजार लोगों की हस्ताक्षर वाली एक याचिका विभाग के समक्ष दाखिल की गई है। आईक्यूसी अपने सुझावों को नवंबर में स्टेट बोर्ड आॅफ एजुकेशन के पास भेजेगा।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने तकनीक में तेजी के साथ हो रहे बदलावों के प्रति चेतावनी देते हुए कहा है कि सीमाओं को बंद करने से रोजगार के अवसर पैदा नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि विनिर्माण जैसे उद्योगों में जो तेजी से बदलाव आ रहा है, वह है आटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस। ओबामा कल यहां एक प्रगतिशील कनाडाई थिंक टैंक द्वारा आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था से औद्योगिक अर्थव्यवस्था में बदलाव 150 वर्षों की अवधि के दौरान संभव हुआ लेकिन ये तकनीकी क्रांति केवल 20 वर्षों में हो रही है।