खूंखार आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) ने लंदन में संसद पर बुधवार को हुए हमले की जिम्मेदारी ली है। इस सम्बंध में लंदन और बर्मिंघम में आतंकवाद निरोधी अधिकारियों की छापेमारी में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने इस सम्बंध में हाउस ऑफ कॉमंस में कहा हम डरे नहीं हैं, आतंकवाद की गतिविधि ने हमारे लोकतंत्र को खामोश करने का प्रयास किया है, लेकिन हम आज सामान्य रूप से मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ इतना कह सकती हूं कि यह व्यक्ति ब्रिटेन में पैदा हुआ था और कुछ साल पहले हिंसक चरमपंथ को लेकर उसकी जांच हुई थी।
वह गौण व्यक्तित्व था। उधर, आईएसआईएस अपनी दुष्प्रचार समाचार एजेंसी ‘अमाक’ ने दावा किया है कि ‘खिलाफत के सिपाही’ ने ब्रिटिश संसद पर हमले को अंजाम दिया।उसने बयान में कहा कि गठबंधन देशों को निशाना बनाने के लिए इस अभियान को अंजाम दिया गया।
प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने पुष्टि की है कि हमले के बाद लंदन और बर्मिंघम में चलाए गए छापेमारी अभियान में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने पुलिस को भेजे अपने संदेश में कहा कि बुधवार की घृणित हिंसा से प्रभावित हुए लोगों के साथ मेरी संवेदना और प्रार्थना है।
ब्रिटिश संसद पर इस्लामी कट्टरपंथियों से संबंधित आतंकवादी हमले में हमलावर सहित चार लोग मारे गए हैं। स्कॉटलैंड यार्ड के कार्यवाहक उपायुक्त और आतंकवाद निरोधक विभाग के प्रमुख मार्क रॉली ने कहा कि जांच अहम स्तर पर है और हमलावर की पहचान जारी नहीं की जा रही है, क्योंकि छानबीन में संदिग्ध की मंशा, उसकी तैयारी और साथियों के बारे में जानकारी एकत्र करने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि बर्मिंघम, लंदन और देश के अन्य भागों की जांच जारी है। यह हमारा विश्वास है कि इस हमलावर ने अकेले कृत्य किया था और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से प्रेरित था और यह हमारी जांच में निकल के भी आ रहा है। जनता को आगे के खतरे के बारे में इस स्तर पर स्पष्ट होने के लिए हमारे पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। रॉली ने पुष्टि की कि पीडि़तों में कई राष्ट्र के लोग शामिल हैं जिनमें लगभग 40 साल की एक महिला और तकरीबन 50 साल का पुरुष भी शामिल है।