अमेरिका ने शुक्रवार (सात अप्रैल) को सीरिया के एयर बेस पर 60 क्रूज मिसाइलें दागने के बाद कहा है कि रूस से इस हमले की जानकारी पहले ही दे दी गयी थी। अमेरिकी प्रशासन के अनुसार ये हमला सीरिया में मंगलवार (चार अप्रैल) को किए गए रासायनिक हमले के खिलाफ किया गया है जिसमें 100 से ज्यादा लोग मारे गए थे। अमेरिकी प्रशासन के अनुसार ये रासायनिक हमला सीरिया की बशर अल असद सरकार ने कराया था। वहीं असद सरकार ने अमेरिका के इसे अपने देश पर “हमला” बताया है।
अमेरिका ने भारतीय समय के अनुसार शुक्रवार सुबह करीब सवा छह बजे सीरिया के एयरबेस पर 60 क्रूज मिसाइलें दागी हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सभी “सभ्य” देशों से इस लड़ाई में उनके साथ आने की अपील की है। सीरिया में मंगलवार (चार अप्रैल) हुए रासायनिक हमले में 100 से ज्यादा लोगों को मौत हो गयी है। मरने वालों में ज्यादातर बच्चे थे। समाचार एजेंसी एपी के अनुसार अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि ये सीरिया सरकार पर अमेरिका का पहला सीधा हमला है। 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रंप का यह पहला बड़ा सैन्य फैसला है।
हमले में सीरिया की बसर अल असद सरकार द्वारा नियंत्रित शायरात एयरबेस पर क्रूज मिसाइलें दागी गईं। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि जिन सीरियाई विमानों ने रासायनिक हमला किया था उन्हें नष्ट किया जा चुका है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले के बाद कहा कि ये अमेरिका के “व्यापक राष्ट्रीयहित के लिए जरूरी था।” ट्रंप ने “सभ्य” देशों से अपील की है कि वो “हत्यारे और खून बहाने वालों” के खिलाफ अमेरिका के साथ आएं।
ट्रंप ने रासायनिक हमले को “मानवता पर कलंक” बताते हुए कहा कि सीरिया सरकार “कई सीमारेखाएं लांघ चुकी है।” अमेरिका ने भूमध्य सागर स्थित युद्धपोत से करीब 60 यूएस टॉमहॉक मिसाइलें दागी हैं। अमेरिका अधिकारियों का मानना है कि सीरिया सरकार ने हवाईजहाज से नर्व गैस (संभवतः सारिन) से ये हमला करवाया था। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस हमले की पूर्व सूचना नहीं दी थी।