चीन ने धार्मिक कट्टरता रोकने के नाम पर शिनजियांग प्रांत में असामान्य दाढ़ी रखने और सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है। शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों की बहुलता है। इससे पहले शिनजियांग में रमजान के दौरान रोजा रखने पर भी पाबंदी लगाई गई थी।
चीन का आरोप है कि कुछ उइगर विद्रोही गुट अलग इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए हिंसा फैला रहे हैं, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए हैं। हालांकि मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि चीन की दमनकारी नीतियों की प्रतिक्रिया में ऐसा हो रहा है। उइगर तुर्की मूल के मुस्लिम समूह हैं, जो अपनी सांस्कृतिक, धार्मिक विविधता के लिए जाने जाते हैं। शिनजियांग प्रांत के सांसदों ने बुधवार को यह कानून पारित किया, जो एक अप्रैल से लागू होगा।
पहले भी कुछ जगहों पर दाढ़ी, हिजाब या नकाबपोश लोगों के बसों या अन्य सरकारी वाहनों में बैठने पर पाबंदी लगाई गई है। सरकार ने बच्चों को स्कूल की बजाय घरों में पढ़ाने पर रोक लगा दी है और इसे बच्चों को कट्टरता का पाठ पढ़ाने का तरीका बताया है।
गौरतलब है कि शिनजियांग प्रांत में बुर्का, हिजाब का प्रचलन बढ़ा है। यहां उइगर विद्रोहियों के सरकारी संस्थानों पर हमले भी पिछले कुछ सालों में तेज हुए हैं। इसमें स्टेशन, एयरपोर्ट पर चाकू से हुए हमले शामिल हैं।
बुर्का पहनने वालों को स्टेशन-एयरपोर्ट में घुसने पर रोक
नियमों में कहा गया है कि स्टेशन और एयरपोर्ट जैसी जगहों पर पूरे शरीर या चेहरा ढंके हुए लोगों को प्रवेश नहीं करने दिया जाए। उन्हें किसी भी प्रकार की सेवा या सुविधा नहीं दी जाए। टीवी, रेडियो अन्य सार्वजनिक प्रसारण सेवाओं में उन्हें न दिखाया जाए।