चीन की ‘वन बेल्ट, वन रोड नीति’ का विरोध करने के चलते ड्रेगन ने भारत को घेरने के प्रयास तेज कर दिए हैं। इसके तहत चीन के रक्षामंत्री और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी प्रमुख जनरल चांग वांक्वान ने इस हफ्ते नेपाल व श्रीलंका की यात्रा पर हैं। इसी बीच चीन के सरकारी मीडिया ने भारत को धमकी भरे लहजे में कहा है कि वह दक्षिण एशियाई देशों के साथ चीन के संबंधों में आड़े न आए अन्यथा बीजिंग को इसके खिलाफ संघर्ष करना पड़ेगा।
यह कठोर लेख चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने मंगलवार को छपा है। उसने कहा है कि दक्षिण एशिया और हिंद महासागर में भारत बेहद कठोर ढंग से पेश आ रहा है और उसके पीछे पड़ा हुआ है। उसने धमकी देते हुए लिखा है कि चीन उम्मीद करता है कि भारत को चीन की ताकत समझना चाहिए और सभी के विकास के चीनी प्रयास में दखल नहीं देना चाहिए।
चीन चाहता है कि उसकी ‘वन बेल्ट, वन रोड नीति’ के तहत वह नेपाल और श्रीलंका होते हुए सड़क मार्ग का निर्माण करे। इसके लिए चीन ने नेपाल में श्रीलंका के हवाई अड्डों, सड़कों, रेलवे और बंदरगाहों पर भारी निवेश किया है। भारत इन घटनाक्रमों व चीन-पाक दोस्ती पर पैनी निगाह बनाए हुए है, जबकि उत्तर में भारत का सीमा विवाद भी है।
अपनी इस धमकी में ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने लिखा है कि अब फैसला भारत को लेना है कि वह क्या कदम उठाता है। अखबार ने लिखा है कि भारत फिलहाल इसलिए भी चुप है क्योंकि चीन के जनरल चांग वांक्वान इस समय नेपाल यात्रा पर हैं। इस दौरान नेपाल और चीन के बीच संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास पर भी फैसला होगा। इस लेख में कहा गया है कि भारत भूटान को काबू में रख सकता है क्योंकि उसके साथ चीन के राजनयिक संबंध नहीं हैं, लेकिन वह चीन के प्रभाव को रोक नहीं सकता है।