पाकिस्तान के लाहौर शहर के पास ननकाना साहिब में एक हमले में जमात-ए-अहमदिया के नेता एडवोकेट मलिक सलीम लतीफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हमले में उनका बेटा भी गंभीर रूप से घायल हो गया। एडवोकेट मलिक सलीम लतीफ और उनका बेटे एडवोकेट फरहान पर उस समय गोलीबारी गई जब वो कोर्ट जा रहे थे। इस हमले में लतीफ की मौके पर ही मौत हो गई। हमले के पीछ इस्लामिक कट्टरपंथियों का हाथ बताया जा रहा है। अहमदियां समाज के प्रवक्ता सलीमुद्दीन ने कहा कि मलिक सलीम लतीफ की हत्या उनके धार्मिक विश्ववास के चलते की गई है। मलिक सलीम लतीफ पाकिस्तान के नॉबल पुरुस्कार विजेता डॉक्टर अब्दुस सलाम के भाई थे।
वहीं पुलिस इस हमले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि एडवोकेट को बेरी वाला चौक के करीब मारा गया। अब तक इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। इससे पहले बुधवार को पाकिस्तान के अहमदियां सगठन ने एक वार्षिक रिपोर्ट जारी की जिसमें बताया गया कि 2016 से अभी तक छह अहमदियों को उनके धार्मिक विश्वास के चलते मारा जा चुका है। डॉक्टर अब्दुस सलाम ने साल 1979 में विज्ञान के क्षेत्र में नोबल पुरुस्कार जीता था इसके बाद उन्हें पाकिस्तान का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान भी दिया गया। साल 1974 में पाकिस्तान अहमदिया संप्रदाय को गैर मुस्लिम मानते हुए अल्पसंख्यक का दर्जा दे चुका है। जिसके बाद बड़ी संख्या में अहमदियां समाज के लोगों ने विदेश में शरण लेनी शुरु कर दी थी। अब्दुस सलाम भी पाकिस्तान छोड़कर लंदन चले गए थे।