Saturday, July 27, 2024
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बापू के डाक टिकट चार करोड़ में हुए नीलाम

SI News Today

महात्मा गांधी के छायाचित्र वाले चार दुर्लभ डाक टिकट ब्रिटेन में एक नीलामी में लगभग चार करोड़ रुपए की रेकार्ड कीमत पर बिके है। डाक टिकट बेचने वाले व्यक्ति ने बताया कि यह भारतीय डाक टिकटों के लिए मिली अब तक की सबसे बड़ी रकम है। ब्रिटेन स्थित डीलर स्टेनली गिबन्स ने कहा कि 1948 की गांधी की 10 रुपए वाली पर्पल ब्राउन और लेक ‘सर्विस’ वाली केवल 13 डाक टिकट प्रसार में है। चार डाक टिकटों को एक निजी आॅस्ट्रेलियाई संग्राहक को बेचा गया है। भारतीय डाक टिकटों के लिए यह अभी तक मिली सबसे बड़ी राशि है। ये भारतीय डाक टिकट इस लिहाज से दुर्लभ हैं कि ये डाक टिकट चार के सेट में हैं। बयान में कहा गया है, इस वर्ष मार्च में 9,106,434.63 रुपये में बिकी प्रसिद्ध ‘चार आना’ टिकट के बाद हाल ही में बिकी डाक टिकटें भारतीय टिकटों का अन्य दुर्लभ संग्रह है।

बहरहाल, नीलामी में बिकने वाली डाक टिकट की रेकार्ड कीमत 9 करोड़ 50 लाख रुपए है। बीबीसी ने स्टेनली गिबन्स में निवेश प्रबंध निदेशक कीथ हेडल के हवाले से बताया, उच्च गुणवत्ता वाली भारतीय दुर्लभ वस्तुओं का बाजार कई वर्षों से काफी मजबूत है और अमीर भारतीय समुदाय की आकांक्षाओं और इन ऐतिहासिक संपत्तियों को संजोकर रखने वाले अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों से इनकी मांग को बल मिला है।

गौरतलब है कि महात्मा गांधी दुनिया की उन हस्तियों में हैं जिन पर सबसे ज्यादा डाक टिकट जारी हुए हैं और इनके संग्रहकर्ता पूरी दुनिया में हैं। बताते हैं कि भारत के अलावा दुनिया भर के विभिन्न देशों ने बापू पर 300 से ज्यादा डाक टिकट उनकी याद में जारी किए हैं और यह सिलसिला जारी है। भारत में गांधी पर पहला डाक टिकट 15 अगस्त 1948 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जारी किया था।

भारत के अलावा उन पर सबसे पहले डाक टिकट जारी करने वाला देश संयुक्त राज्य अमेरिका हैं जिसने 26 जनवरी 1961 में महात्मा गांधी पर डाक टिकट जारी कर दुनिया को संदेश दिया था कि बापू पूरी मानवता और विश्व-समुदाय के आदर्श हैं। अमेरिका के बाद कांगो दूसरा देश था जिसने गांधी पर बाकी पेज 8 पर उङ्मल्ल३्र४ी ३ङ्म स्रँी 8
डाक टिकट जारी किया था। ज्यादातर अफ्रीकी देश महात्मा पर डाक टिकट जारी कर मानवता के लिए उनके संघर्ष और आदर्श के प्रति सम्मान जता चुके हैं। गांधी जी की जन्मशती के मौके पर (1969) में चालीस देशों ने उनकी स्मृति में डाक टिकट जारी किए थे।

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