ब्रिटेन के मैनचेस्टर में हुए धमाके में 22 लोगों के मारे जाने और 59 से ज्यादा लोगों के घायल होने के बाद इंटरनेट पर इस्लामिक स्टेट (आईएस) के समर्थकों ने “खुशी जाहिर की और आपस में बधाई संदेश भेजे।” हालांकि इस्लामिक स्टेट समेत किसी भी आतंकी संगठन ने अब तक इस धमाके की जिम्मेदारी नहीं ली है। इस्लामिक स्टेट से जुड़े ट्वीटर अकाउंट से धमाके से जुड़े हैशटैग का इस्तेमाल करके बधाई संदेश भेजे गए और दूसरी जगहों पर ऐसे ही हमलों के लिए हौसला अफजाई की गई। अमेरिकी सिंगर एरियाना ग्रांडे के संगीत कार्यक्रम में हुए धमाके को ब्रिटिश पुलिस आंतकी हमला मान रही है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने भी धमाके को आतंकी हमला माना है। रॉयटर्स को दो ब्रिटिश अधिकारियों ने बताया कि पुलिस को संदेह है कि धमाका आत्मघाती हमलावर ने किया है।
ट्विटर पर आईएस से जुड़े कुछ यूजर्स ने मैनचेस्टर धमाके को इराक़ और सीरिया में हुए हवाई हमलों का बदला बताया है। रॉयटर्स के अनुसार अब्दुल हक़ नामक एक यूजर्स ने मैनचेस्टर हैशटैग के साथ ट्वीट किया है, “ऐसा लगता है कि ब्रिटिश एयरफोर्स द्वारा मोसुल और रक़्क़ा के बच्चों पर गिराए गए बम वापस आ गए हैं।” इराक में आईएस आतंकियों के खिलाफ अभियान चला रही अमेरिका के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना में ब्रिटेन भी शामिल है। धमाके के बाद अमेरिका ने देश में संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है।
आईएस समर्थकों ने ट्वीटर पर एक दूसरे को यूरोप और अमेरिका में और “लोन वूल्फ” अटैक (एकल हमला) करने के लिए प्रोत्साहित किया। एक ट्वीटर यूजर ने लिखा है कि उसे उम्मीद है इस हमले के पीछे इस्लामिक स्टेट होगा। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के सोशल मीडिया चैनल पर अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली गई है।
रॉयटर्स के अनुसार सोशल मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम पर आईएस से जुड़े ग्रुप में उसके एक समर्थक ने लिखा, “हमें उम्मीद है कि हमलावर खिलाफत का एक सिपाही होगा।” कुछ अन्य लोगों ने मैसेज किया कि “ब्रसेल्स, पैरिस और लंदन में हम स्टेट बनाएंगे।” इस यूजर्स का इशारा इस बात की तरफ था कि बेल्जियम के ब्रसेल्स, फ्रांस के पेरिस और ब्रिटेन के लंदन में इससे पहले आईएस के आतंकी हमले हो चुके हैं।
पिछले 12 साल में ये ब्रिटेन में हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला है। इससे पहले जुलाई 2005 में लंदन में हुए आत्मघाती बम धमाके में 52 लोग मारे गए थे। लंदन धमाका चार ब्रिटिश मुसलमानों ने किया था। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार मैनचेस्टर धमाके और नवंबर 2015 में पेरिस में हुए बाटाक्लैन संगीत कार्यक्रम में हुए धमाके के बीच समानता है। पेरिस में हुए धमाके में 130 लोग मारे गए थे। हमले की जिम्मेदारी आईएस ने ली थी।