अमेरिका के ओरीगोन स्थित उत्तरी पोर्टलैंड में शुक्रवार को एक शख्स ने दो लोगों पर इसलिए जानलेवा हमला कर दिया, क्योंकि उन्होंने आरोपी को हिजाब में दो युवतियों पर नस्लीय टिप्पणी करने से रोका था। आरोपी तब चिल्ला रहा था कि मुस्लिमों को मरना होगा। इस हमले में दोनों लोगों की मौत हो गई और आरोपी को जेल भेजा गया है। पुलिस ने इस बारे में आरोपी से पूछताछ करेगी कि उसमें ऐसे कट्टर विचार कहां से आए।
यह हमला शुक्रवार को मुस्लिमों के पाक महीने रमजान के पहले दिन हुआ। ऐसे में अपनी सहिष्णुता और उदारवादी विचारों के लिए जाना जाने वाला शहर इस घटना से सकते में है। चश्मदीद क्रिस्टफर डगलस ने कहा कि जिस तरह से लोग ऐसी कट्टरता दिखाते हैं, उससे मुझे डर लगता है। पोर्टलैंड अपने उदारवादी विचारों के लिए जाना जाता है, लेकिन मुझे लगता है कि हकीकत अब बदल रही है।
वहीं, आरोपी जेरमी जोसेफ क्रिस्चियन (35) को कई मामलों के संदेह में मल्टनोमाह कंट्री जेल में भेजा गया है। शुक्रवार को हुए हमले के कुछ देर बाद ही उसकी गिरफ्तारी हुई थी। मंगलावर को कोर्ट में उसकी पेशी है और अगर वकील न मिला तो वह छूट भी नहीं पाएगा। पुलिस ने इस मामले में पीड़ितों की पहचान ओरीगोन में हैपी वैली के निवासी रिकी जॉन बेस्ट (53) और पोर्टलैंड के मायरिड्न नामकाई मेशे (23) के रूप में की। पुलिस के मुताबिक बेस्ट ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था और मेशे की अस्पताल में मौत हुई थी।
पुलिस का यह भी कहना है कि पोर्टलैंड की मीकाह डेविड-कोल फ्लेचर (21) पर भी जानलेवा हमला हुआ था। फिलहाल उनकी हालत पोर्टलैंड अस्पताल में गंभीर है। हमले के दौरान ट्रेन में उन दो युवतियों की पहचान भी हो गई है, जिन्होंने तब हिजाब पहन रखा था। पुलिस के मुताबिक हमलावर ट्रेन में भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल कर रहा था।
स्थानीय मीडिया को उन्हीं युवतियों में से एक की मां डायजुआना हडसन ने बताया कि युवतियों को देखते ही आरोपी उन पर नस्लीय टिप्पणी करना शुरू किया था। उनकी बेटी अफ्रीकी-अमेरिकी है उसकी दोस्त हिजाब पहने थी। आरोपी कह रहा था कि मुस्लिमों को मरना होगा। वह सालों से क्रिस्चियंस को मारते आ रहे हैं। आरोपी क्रिस्चियन 15 साल पहले चोरी और किडनैपिंग के मामलों में जेल जा चुका है।