जापान में एक नर्स को मरीज को मारने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया है। 88 वर्षीय यह मरीज अयुमी कुबोकी की देखरेख में था। नर्स ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है। उसने मरीज को ज़हर की दर्जनों गोलियां दे दी थीं क्योंकि वह मरीज के परिजनों को स्थिति बताने से बचना चाहती थी। उसने वर्ष 2016 में ऐसे 20 और मरीजों को इसी तरह मारना भी स्वीकार किया। पुलिस पूछताछ में पता चला कि वह उन मरीजों को जानबूझकर मार दिया करती थी जिनके बारे में उसे लगता था कि वो उसकी शिफ्ट के दौरान दम तोड़ देंगे।
उसने पुलिस को यह भी बताया कि ड्यूटी के दौरान मरीज की मौत की सूचना परिजनों को देना उसके काम का हिस्सा था।इस बात से वह इतनी तंग आ चुकी थी कि इसे टालने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकती थी।निशिवाका के केस में उसकी मौत की खबर दोपहर 3 बजे से 4.55 बजे के बीच आई, जबकि उस समय यह नर्स अपनी शिफ्ट शुरू करने की तैयारी कर रही थी। बुजुर्ग मरीज की तबीयत बिगड़ने लगी और उसे शाम 7 बजे मृत घोषित कर दिया गया।
उस समय नर्स की शिफ्ट शुरू होने ही वाली थी। यानी उसे मृतक की सूचना उसके परिजनों को देना थी।दो दिन बाद एक और मरीज की मौत इसी तरह हुई। एक अन्य नर्स ने मरीज की ड्रिप में बुलबुले देखे। जांच में पाया कि उसे ज़हर दिया गया है। पुलिस ने इन दोनों मौतों की जांच की।सीसीटीवी के अभाव में जांच ठीक से नहीं हो सकी लेकिन ड्रिप बैग में पुलिस को छोटे छेद नज़र आए जो नर्स स्टेशन पर रखे थे। इससे खुलासा हुआ कि सीरींज में ज़हर मिलाया गया था। उससे कड़ी पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।