विदेशी मूल के लोगों के खिलाफ ट्रंप की नीतियों की आंच भारत तक भी पहुंच रही है. अमेरिकी प्रशासन ने नई दिल्ली को ऐसे 271 भारतीयों की लिस्ट सौंपी है जो उसकी नजर में गैर-कानून तौर पर यूएस में रह रहे हैं. लेकिन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने साफ किया है कि लिस्ट की जांच किये बगैर वो इन लोगों के प्रत्यर्पण के लिए तैयार नहीं होंगी.
राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान सुषमा ने कहा, ‘हमने इस सूची को स्वीकार नहीं किया है और तफ्सील मांगी है. हमने साफ किया है कि जांच के बाद ही
हम प्रत्यर्पण के लिए इमरजेंसी सर्टिफिकेट जारी करेंगे.
‘अमेरिकी नीति में बदलाव नहीं’
राज्यसभा के सदस्यों का कहना था कि ट्रंप के सत्ता में आने के बाद अमेरिका भारतीय प्रवासियों को लेकर नीति बदल रहा है. जवाब में विदेशमंत्री ने इन आशंकाओं को खारिज किया. उन्होंने बताया कि H1B और L1B वीजा को लेकर अमेरिकी संसद में चार विधेयक पेश हुए हैं. लेकिन अब तक इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया है.
पेशेवर बनाम गैर-कानूनी प्रवासी
सुषमा स्वराज ने भरोसा दिलाया कि सरकार अमेरिका में रह रहे भारतीयों के हितों की रक्षा के लिए अमेरिकी सरकार के संपर्क में है. इनमें सॉफ्टवेयर सेक्टर के लोग भी शामिल हैं. सुषमा के मुताबिक, ‘हम उन्हें ये भरोसा दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि हमारे आईटी-प्रोफेशनल अमेरिकियों की नौकरियां छीनने के बजाय वहां की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं.’
सुषमा ने साफ किया कि भारत में बगैर दस्तावेज रह रहे भारतीयों का कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है. साल 2012 में भी कहा गया था कि ऐसे करीब 2.60 लाख भारतीय हैं. लेकिन सरकार ने उस वक्त भी इसे स्वीकार नहीं किया था.