कुख्यात आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के चंगुल से छुड़ाए गए केरल के कैथोलिक पादरी फादर टॉम उजहन्नलिल वापस भारत आ गए हैं। फादर टॉम का यमन में अप्रैल 2016 में आईएसआईएस के आतंकियों ने अपहरण कर लिया था। गुरुवार को नई दिल्ली पहुंचे फादर टॉम को इस महीने के शुरुआत में आईएस के चंगुल से छुड़वाया गया था। यहां फादर टॉम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। दिल्ली आने के बाद फादर टॉम ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैं उन सभी सर्वशक्तिमान लोगों का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने इस दिन को संभव बनाया। मैं सभी लोगों का आभारी हूं जिन्होंने अपने तरीके से मुझे रिहा करवाने में अपना काम किया।
बता दें कि 12 सितंबर को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने ट्विटर हैंडल पर फादर टॉम की एक फोटो पोस्ट कर फादर के आईएस के चंगुल से रिहा होने की सूचना दी थी। वहीं ओमान ने मंगलवार को अपने एक स्टेटमेंट में कहा था कि फादर टॉम एक वेटिकन कर्मचारी हैं और वेटिकन की विन्नती पर उन्हें रिहा करवाया गया है। ओमान के अनुसार यमन प्रशासन के साथ कोर्डिनेट कर फादर को ढूंढा गया था।
आतंकी संगठन द्वारा यमन में स्थित मदर टेरेसा के ‘मिशनरीज आफ चैरिटी’ द्वारा संचालित देखभाल केन्द्र पर हमला करने के बाद फादर टॉम का अपहरण कर लिया गया था। इस हमले में वृद्धाश्रम के कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई थी। आईएसआईएस के आतंकियों ने पादरी को अगवा कर उन्हें बुरी तरह से टॉर्चर किया था। खबर यह भी सामने आई थी कि उन्हें गुड फ्राइडे के दिन आतंकी सूली पर चढ़ाने की योजना बना रहे थे। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। भारत सरकार फादर टॉम उजहन्नालिल की रिहाई के लिए हर संभव प्रयास कर रही थी। इसी साल सुषमा ने कहा था कि भारत फादर उजहन्नालिल की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रयास में कोई कमी नहीं छोड़ेगा और सुषमा ने जो कहा वो करके दिखाया और आखिरकार भारत सरकार को इसमें सफलता हासिल हुई।