हस्तमैथुन को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां हैं। कुछ लोगों का मानना है कि हस्तमैथुन से शरीर को नुकसान पहुंचता या फिर लिंग में पतलापन आता है। एक राय यह भी है कि हस्तमैथुन से शरीर में किसी भी तरह की कमजोरी नहीं आती। आइए जानते हैं हस्तमैथुन से जुड़े 15 तथ्य जो आपका भ्रम दूर करने में सहायक होंगे।
* हस्तमैथुन को लेकर पहला सवाल तो यही उठता है कि यह एक अप्राकृतिक क्रिया है। मगर चिकित्सकीय दृष्टि से देखें तो यह एक सामान्य प्राकृतिक क्रिया है। महर्षि वात्स्यायन ने भी आज से लगभग 1600 वर्ष पूर्व रचित अपने ग्रंथ ‘कामसूत्र’ में इसका जिक्र किया है। कामसूत्र के अनुसार हस्तमैथुन, मैथुन का ही एक प्रकार है। ‘हस्त’ यानी हाथ और ‘मैथुन’ यानी संभोग अर्थात हाथ के द्वारा किए जाने वाले मैथुन।
* हस्तमैथुन एक सामान्य क्रिया है अत: इसके हानिकारक या लाभदायक होने का प्रश्न ही नहीं उठता है। हस्तमैथुन पुरुष, स्त्री व जानवर तक करते हैं। यह एक सामान्य प्रक्रिया है।
संभोग के दौरान पुरुष लिंग योनि मार्ग में जो क्रिया करता है, हस्तमैथुन के दौरान लिंग वही क्रिया हाथ में करता है। हस्तमैथुन करते वक्त हथेली योनि की शक्ल में मुड़ी होती है। उसमें लिंग के प्रवेश व निकास की क्रिया ठीक वैसी ही होती है, जैसे संभोग के दौरान योनि में।
* ऐसा भी भ्रम है कि हस्तमैथुन अगर कम उम्र (बचपन या किशोरावस्था) में किया जाए तो व्यक्ति कमजोर अथवा नपुंसक हो जाता है। हकीकत में हस्तमैथुन किसी भी उम्र में और किसी भी तरीके से किया जाए, इसका व्यक्ति के शरीर, सहवास क्षमता अथवा प्रजनन क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ता।
दरअसल, यह अंधविश्वास नीम-हकीमों द्वारा प्रचारित है। वे कम उम्र से शुरू किए गए हस्तमैथुन को ‘बचपन की गलती’ कहकर प्रचारित करते हैं। उनका स्वार्थ है कि डरकर व्यक्ति उनके द्वारा बनाए गए विशेष ‘नुस्खों’ का सेवन करे। कई बार यह भी होता है कि व्यक्ति इन नीम-हकीमों के चक्कर में पड़कर जरूर अपना नुकसान कर लेता है।
* जैसे सहवास करने से नामर्दगी नहीं आती, ठीक उसी तरह हस्तमैथुन करने से भी नामर्दगी नहीं आती है। यह एक गलत धारणा है कि हस्तमैथुन करने से वीर्यनाश अथवा नामर्दगी हो जाती है।
* क्या हस्तमैथुन से शरीर में कमजोरी आती है? हकीकत में इस सवाल का कोई औचित्य ही नहीं है क्योंकि सर्वप्रथम तो यह जान लें कि अधिक हस्तमैथुन जैसी कोई चीज होती ही नहीं है। यह एक सामान्य क्रिया है।