Saturday, July 27, 2024
featured

सेना की जीप के आगे बांधकर घुमाने के परेश रावल का ट्वीट

SI News Today

कश्मीरी युवक की जगह लेखिका अरुंधति रॉय को जीप के बोनट से बांधकर घुमाने के परेश रावल के बयान पर दो दिन तक मचे हंगामे के बाद अब इस मसले पर रॉय की प्रतिक्रिया आई है। अरुंधति रॉय ने एनडीटीवी से बातचीत में इस मसले पर उनकी राय मांगे जाने पर कहा कि उनके पास इसके लिए वक्त नहीं है और वो दूसरे जरूरी कामों में व्यस्त हैं। एनडीटीवी के अनुसार रॉय ने कहा कि वो इस मामले को तूल नहीं देना चाहती हैं।

फिल्म अभिनेता और भाजाप सांसद परेश रावल ने 21 मई को ट्वीट किया था, “जीप में कश्मीरी पत्थरबाजों को बांधने की जगह अरुंधति रॉय को बांधना चाहिए!” रावल का इशारा उस वीडियो की तरफ था जिसमें भारतीय सेना के मेजर लीतुल गोगोई ने कश्मीरी युवक फारूक़ दार को जीप के बोनट के आगे बांधकर घुमाया था। सेना के अनुसार ये कदम पत्थरबाजों से बचने के लिए उठाया गया था। वहीं फारूक़ दार ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा था कि उन्होंने कभी पत्थरबाजी नहीं की थी और वो चुनाव में वोट देते थे।

दो दशक बाद अरुंधति रॉय का दूसरा नॉवेल “मिनिस्ट्री ऑफ अटमोस्ट हैप्पीनेस” प्रकाशित हो रहा है। ये उपन्यास दुनिया के 30 देशों में एक साथ प्रकाशित हो रहा है। 1997 में रॉय का पहला उपन्यास “द गॉड ऑफ स्माल थिंग्स” प्रकाशित हुआ था। रॉय को अपने पहले ही उपन्यास के लिए ब्रिटेन का प्रतिष्ठित मैंस बुकर प्राइज मिला था।

माना जा रहा है कि रॉय का जरूरी काम से इशारा अपनी किताब के प्रकाशन और प्रचार से जुड़ी गतिविधियों से था। परेश रावल के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया दो धड़े में बंटा नजर आ रहा है। जहां बहुत सारे लोग उनकी अभद्र और अमर्यादित टिप्पणी के लिए उन्हें लताड़ लगा रहे हैं वहीं कुछ लोग उनका समर्थन भी कर रहे हैं।

दूसरी तरफ भारतीय सेना मेजर गोगोई को पुरस्कार देने वाली है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मेजर गोगोई को शांतिपूर्ण तरीके से पत्थरबाजों पर काबू करने के लिए इनाम दिया जा रहा है। जुलाई 2016 में हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी की एक मुठभेड़ में मौत के बदा कश्मीर में हिंसा जारी है। घाटी में नौजवानों और स्कूली छात्रों द्वारा पत्थरबाजी की कई घटनाएं हो चुकी हैं।

SI News Today

Leave a Reply