नरेंद्र मोदी सरकार ने आज (21 मार्च) को प्रस्ताव रखा कि 2 लाख से ज्यादा नकद लेन देन पर 100 प्रतिशत से जुर्माना लगाया जाना चाहिए। रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अढिया ने इसकी जानकारी दी। इसके अलावा सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने और पैन कार्ड अप्लाई करने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य होगा। बजट 2017-18 में तीन लाख रुपये से अधिक के नकद लेनदेन पर रोक लगाने का प्रस्ताव किया गया था। इसका मकसद काले धन पर अंकुश लगाना था। कैशलेस इकनॉमी की ओर कदम बढ़ाते हुए मोदी सरकार ने पिछले महीने तीन लाख से अधिक नकद लेनदेन पर सीमा तय की थी। काले धन पर एसआईटी की सिफारिशों के बाद यह फैसला 1 अप्रैल 2017 से लागू होगा।
आपको बता दें कि रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अधिया ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा था कि नकद लेनदेन पर भारी जुर्माना लगेगा। जो शख्स जितनी राशि नकद में स्वीकार करेगा उसे उसके बराबर ही जुर्माना देना होगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, ‘‘यदि आप चार लाख रुपये नकद स्वीकार करते हैं तो आपको चार लाख रुपये का ही जुर्माना देना होगा। इसी 50 लाख रुपये नकद लेने पर जुर्माना राशि 50 लाख रुपये होगी।’’ यह जुर्माना उस व्यक्ति पर लगेगा जो नकद स्वीकार करेगा।
दरअसल वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने 2017-18 के बजट में आयकर कानून में धारा 269एसटी जोड़ने का प्रस्ताव किया है। इसमें कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति एक दिन में किसी एक व्यक्ति से एकल लेनदेन या किसी एक मामले या मौके पर तीन लाख रुपए से अधिक की नकदी स्वीकार नहीं करेगा। हालांकि यह अंकुश सरकार, किसी बैंकिंग कंपनी, डाकघर बचत खातों या सहकारी बैंकों पर लागू नहीं होगा।