Saturday, July 27, 2024
featuredदेश

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नरेंद्र मोदी पर निशाना…

SI News Today

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार (22 सितंबर) को कहा कि ‘नोटबंदी एक गैर-जरूरी रोमांच’ था। सिंह ने कहा कि ऐसे कदम को कुछ लैटिन अमेरिकी और अफ्रीकन देशों को छोड़कर दुनिया में कहीं भी सफलता नहीं मिली। पूर्व प्रधानमंत्री ने हाल ही में कहा था कि ‘जीएसटी और नोटबंदी का जल्‍दबाजी में क्रियान्‍वन आर्थ‍िक प्रगति पर नकरात्‍मक असर जरूर डालेगा।’ मोहाली में छात्रों को संबोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा, ”मुझे नहीं लगता कि आर्थिक और तकनीकी तौर पर इस रोमांच की जरूरत थी।

अगर सिस्‍टम दे 86 फीसदी करेंसी निकाल ली जाती है तो गिरावट तो होगी ही।” सिंह ने यह भी दोहराया कि अर्थव्‍यवस्‍था की रफ्तार नोटबंदी की वजह से धीमी हुई और इसमें जीएसटी को लागू करने में आ रही दिक्‍कतों का भी योगदान हैं। चालू वित्त वर्ष की जून में खत्म हुई तिमाही के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में गिरावट दर्ज की गई और यह वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही के 6.1 फीसदी से घटकर 5.7 फीसदी पर आ गई। पिछले साल इसी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.9 फीसदी थी। सिंह ने पिछले साल संसद में कहा था कि जीडीपी में दो प्रतिशत की गिरावट होगी। उन्‍होंने कहा था कि नोटबंदी एक ‘ऐतिहासिक आपदा, संगठित और कानूनी लूट’ है।

सिंह ने कहा, ”हमें अपने विकास के मुद्दे को सुलझाने के लिए 7 से 8 फीसदी की दर से प्रगति करनी होगी।” गौरतलब है कि इसी महीने, रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने अनुमान लगाया था कि नोटबंदी की वजह से देश की जीडीपी में 1 से 2 फीसदी की गिरावट आई है जो करीब 2 लाख करोड़ रुपये के बराबर बैठता है। मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ”असहमति के सम्‍मान, और कानून का शासन लोकतांत्रिक राज-व्‍यवस्‍था का आंतरिक हिस्‍सा हैं।”

सिंह ने कुछ दिन पहले कहा था, ” नोटबंदी और जीएसटी अनौपचारिक, लघु क्षेत्र पर असर डालेंगे। यही दोनों जीडीपी में गिरावट के लिए जिम्‍मेदार हैं। हमारा 90 फीसदी रोजगार अनौपचारिक सेक्‍टर में है, और 86 फीसदी मुद्रा वापस मंगाना, साथ में जीएसटी क्‍योंकि इसे जल्‍दबाजी में लागू किया गया, मिलकर जीडीपी वृद्धि पर बुरा असर डालेंगे।”

SI News Today

Leave a Reply