पेट्रोल, डीजल और अन्य पेट्रोलियम प्रोडेक्ट्स के लिए पेट्रोल पंप में लंबी-लंबी लाइन लगाने से आपको राहत मिल सकती है। सरकार पेट्रोलियम उत्पादों की होम डिलीवरी पर विचार कर रही है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा कि फ्यूल स्टेशनों पर लंबी लाइन से बचने के लिए अगर उपभोक्ताओं द्वारा प्री-बुकिंग की जाती हैं तो सरकार होम डिलीवरी करने की योजना पर विचार कर रही है। इस बात की जानकारी मंत्रालय ने शुक्रवार को ट्वीट के माध्यम से दी।
पेट्रोलियम मंत्रलाय ने शुक्रवार को अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से किए ट्वीट में लिखा- ‘उन विकल्पों की तलाश की जा रही है, जिसके तहत पेट्रो उत्पादों की पूर्व बुकिंग पर उपभोक्ताओं को होम डिलीवरी दिया जा सके।’ अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा- ‘इससे कंज्यूमर को अपना समय बचाने में और फ्यूल स्टेशनों पर लंबी लाइन में न लगने में मदद मिलेगी।’
मंत्रालय के मुताबिक प्रतिदिन करीब 350 मिलियन (35 करोड़) लोग फ्यूल स्टेशन जाते हैं। ईंधन स्टेशनों पर सालाना 2,500 करोड़ रुपये का लेनदेन होता है। खपत के मामले में भारत, दुनिया तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है। देश के पांच शहरों में एक मई से पेट्रोल और डीजल के दामों की प्रतिदिन समीक्षा की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन होने वाले कैशलेस ट्रांजेक्शन में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। प्रतिदिन कैशलेस ट्रांजेक्शन का आंकड़ा 150 करोड़ रुपए प्रतिदिन से बढ़कर 400 करोड़ रुपए प्रतिदिन हो गई है।
इससे पहले पेट्रोलियम मंत्रालय ने पेट्रोल पंप मालिकों के रविवार को पेट्रोल पंप बंद रखने के फैसले पर आपत्ति जताई। मंत्रालय का कहना है कि इस तरह के कदम से आम जनता को परेशानी होगी। मंत्रालय ने कहा कि पेट्रोलियम डीलरों के गठजोड़ ने अपने इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक दिन ईंधन इस्तेमाल न करने की अपील का सहारा लिया है। पीएम मोदी ने मन की बात में कहा था कि भारत में आयात की निर्भरता को कम करने के लिए कम ईंधन का प्रयोग करें। हम एक दिन के लिए पेट्रोल डीजल का इस्तेमाल न करें। इसका यह मतलब नहीं था कि पेट्रोल पंप मालिक एक दिन के लिए पेट्रोल पंप बंद रखें। पेट्रोल पंप बंद रखने की बात करने वाले ज्यादातर पेट्रोल पंप मालिक दक्षिण भारत के हैं।