अगर आपके पासपोर्ट की वेरिफिकेशन 20 दिनों में पूरी नहीं होती, एफआईआर की कॉपी शिकायत दर्ज कराने के दिन नहीं मिलती या फिर सभी दस्तावेज पूरा होने के बाद भी 3 दिनों में अपना वाहन नहीं छोड़ा जाता तो पुलिसवालों पर 250 रुपये प्रतिदिन या 5000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक यह सुझाव ब्यूरो अॉफ पुलिस रिसर्च एंड डिवेलपमेंट ने दिया है, ताकि नागरिकों को दी जाने वाली सुविधाओं के प्रति पुलिस की जवाबदेही बढ़े, आदतों में सुधार हो और पारदर्शिता आए।
पुलिस की शीर्ष रिसर्च संस्था ने 45 सुविधाओं को पब्लिक डिलिवरी सर्विसेज में लिस्ट किया है। इनमें पुलिस से जुड़े काम जैसे पासपोर्ट की वेरिफिकेशन, किरायेदारी और विदेशियों का पुलिस वेरिफिकेशन, संगीत समारोह के लिए एनओसी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, आंदोलन के लिए एनओसी, जांच और नियमित पुलिसिंग को शामिल किया गया है। संस्था ने कहा कि अगर कोई अफसर अपना काम ठीक से नहीं करता तो उस पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जाना चाहिए।
अगर यह पाया जाता है कि निश्चित समय में एक पुलिस अफसर काम को पूरा नहीं कर पाया तो उस पर प्रतिदिन 250 रुपये का जुर्माना लगाया जाना चाहिए। हालांकि इन प्रावधानों को काफी कड़ा माना जा रहा है, क्योंकि देश में 729 लोगों पर एक पुलिसकर्मी है। संस्था ने सुझाव दिया है कि 45 पब्लिक डिलिवरी सर्विसेज को अधिसूचित किया जाना चाहिए। इससे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस को काम करने में मदद मिलेगी और नागरिकों का भरोसा भी उसके प्रति मजबूत होगा।
इसमें प्रावधान है कि नागरिकों को शिकायत कहां दर्ज करानी है, इसके बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्रालय और बाकी राज्यों के साथ साझा की गई इस रिपोर्ट में संस्था ने सिफारिश की है कि कुछ कार्यों को पूरा करने की डेडलाइन तय की जानी चाहिए। इसमें कहा गया कि एक पुलिस अफसर को पासपोर्ट की वेरिफिकेशन प्रक्रिया 20 दिनों के अंदर पूरी कर देनी चाहिए। वहीं हथियार के लिए लाइसेंस देने की एनओसी के लिए भी इतने ही दिन तय किए गए हैं।