Friday, March 29, 2024
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जाने आखिर क्यों 17 सितंबर को ही मनाया जाता है विश्‍वकर्मा जयंती

SI News Today

After all, why Vishwakarma Jayanti is celebrated on September 17

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भारत में हर साल 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा किया जाता है. भगवान विश्‍वकर्मा की पूजा मशीनों की पूजा करके की जाती है. यह ऐसा एकलौता पूजा है जो काम में बरकत के लिए किया जाता  है. आपने इस दिन देखा होगा कि लोग अपनी गाड़ियों और ऑफिस की मशीनों पर गेंदे के फूलों की माला चढ़ाते हैं, तिलक लगाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान विश्‍वकर्मा हैं कौन और हम इस दिन क्यों इनको नमन करते हैं. आइये जानते हैं इसका जवाब.

कौन हैं भगवान विश्‍वकर्मा

भगवान विश्‍वकर्मा को रचना का देवता माना जाता है. मान्‍यता है कि उन्‍होंने देवताओं के लिए अनेकों भव्‍य महलों, आलीशान भवनों, हथियारों और सिंघासनों का निर्माण किया था. वहीं एक बार असुरों से परेशान देवताओं की गुहार पर विश्‍वकर्मा ने महर्षि दधीची की हड्डियों देवताओं के राजा इंद्र के लिए वज्र बनाया. यह वज्र इतना प्रभावशाली था कि असुरों का सर्वनाश हो गया.

विश्‍वकर्मा ने एक से बढ़कर एक भवन बनाए. मान्‍यता है कि उन्‍होंने रावण की लंका, कृष्‍ण नगरी द्वारिका, पांडवों के लिए इंद्रप्रस्‍थ नगरी और हस्तिनापुर का निर्माण किया. माना जाता है कि उन्‍होंने उड़ीसा स्थित जगन्नाथ मंदिर के लिए भगवान जगन्नाथ सहित, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्ति का निर्माण अपने हाथों से किया था.

उन्‍होंने कई बेजोड़ हथियार बनाए जिनमें भगवान शिव का त्रिशूल, भगवान विष्‍णु का सुदर्शन चक्र और यमराज का कालदंड शामिल हैं. इतना ही नहीं बल्कि उन्‍होंने दानवीर कर्ण के कुंडल और पुष्‍पक विमान भी बनाया. माना जाता है कि रावण के अंत के बाद राम, लक्ष्‍मण सीता और अन्‍य साथी इसी पुष्‍पक विमान पर बैठकर अयोध्‍या लौटे थे.

 विश्‍वकर्मा जयंती

वैसे विश्वकर्मा पूजा सूर्य के पारगमन के आधार पर तय किया जाता है. भारत में किसी भी व्रत और त्योहारों का निर्धारण चंद्र कैलेंडर के मुताबिक किया जाता है. लेकिन विश्वकर्मा पूजा की तिथि सूर्य को देखकर की जाती है, जिसके चलते हर साल विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को आती है.

वहीं हिंदू धर्म के मुताबित भगवान विश्वकर्मा की जयंती को लेकर बहुत सी मान्यताएं हैं. कुछ ज्योतिषाचार्यो के अनुसार भगवान विश्वकर्मा का जन्म आश्विन कृष्णपक्ष का प्रतिपदा तिथि को हुआ था , वही कुछ लोगो का कहना है कि भाद्रपद की अंतिम तिथि को भगवान विश्वकर्मा की पूजा के लिए सर्वोत्तम होता है.

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