Monday, April 15, 2024
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रेप और हत्या के मामले में हुई थी उम्रकैद की सजा, दिल्ली हाईकोर्ट ने किया बरी

SI News Today

Delhi High Court acquitted of life imprisonment in rape and murder case.

  

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2014 में दक्षिणी दिल्ली के एक अपार्टमेंट में 81 वर्षीय महिला की हत्या और बलात्कार के अपराध में नीरज सफी नाम के घरेलू नौकर को निर्दोष मानते हुए बरी कर दिया है। दरअसल फरवरी 2017 में एक निचली अदालत ने 22 वर्षीय सफी को अपराध के लिए दोषी ठहराते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि इस केस में पीड़ित महिला के नौकर सफी पर 7 जुलाई, 2014 को उसके ग्रेटर कैलाश-2 स्थित घर में उसके साथ बलात्कार करने और उसे मार डालने का आरोप था।

वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को ट्रायल कोर्ट के फैसले को पूरी तरह से पलटते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए सबूत यह साबित करने में असफल साबित हुए हैं कि अपीलकर्ता अपराध के लिए जिम्मेदार है। इसके आगे उच्च न्यायालय ने कहा कि इस मामले में अपराध वास्तव में भयानक है। एक बुजुर्ग महिला को सबसे अमानवीय तरीके से मारा गया गया है। पर कितना भी मजबूत संदेह कियों न हो फिर भी वह सबूत नहीं बन सकता है और यह अपराध साबित करने के लिए अपर्याप्त है।

बता दे कि दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की एक पीठ ने सफी की रिहाई के आदेश के दौरान निष्कर्ष बताते हुए कहा कि अपीलकर्ता के खिलाफ मामला उचित संदेह से परे साबित होना था। अभियोजन पक्ष वर्तमान स्थिति में ऐसा करने में असफल रहा है। पुलिस द्वारा पता चला है कि 7 जुलाई 2014 को सफी ने पीड़ित बुजुर्ग महिला के साथ कथित रूप से बलात्कार किया था, जो अपने पति की मृत्यु के बाद अकेले रहती थी और फिर उनकी ही चुन्नी  से उनका गला घोंट दिया। पुलिस ने मुकदमे के दौरान आरोप लगाया था कि बिहार के मधुबनी के रहने वाले सफी ने केरोसिन का इस्तेमाल कर पीड़ित महिला के शरीर को आग लगा दी थी।

गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने सफी के आचरण को गौर किया जैसे कि पड़ोसी और अमेरिका में रह रही मृतक की बेटी को बुलाना और पूरे मामले के दौरान स्पॉट पर मौजूद रहना। इसके बाद माना कि यह ऐसे व्यक्ति का आचरण नहीं है जो इस तरह के गंभीर अपराध कर रहा हो।

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