लखनऊ: यूपी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही अधिकांश नदियों के पानी से सैकड़ों गांव अब भी घिरे हैं। मुख्यालय से संपर्क कटा है और कई गांव जलमग्न हैं। सोमवार को गोंडा में चार कच्चे घर घाघरा नदी में समा गए जबकि बलरामपुर में समय पर इलाज न मिलने से वृद्ध की मौत हो गई। सिद्धार्थनगर में चार, गोरखपुर में तीन लोगों की डूबने से मौत हो गई। गोरखपुर-लखनऊ रेल ट्रैक व वाराणसी राजमार्ग पर पानी पहुंच गया। बाढग़्र्रस्त क्षेत्र में संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है। एनडीआरएफ व प्रशासनिक टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं।
गोरखपुर में बरही पाथ बांध पर सोमवार को टमठा, रोहा और डीहघाट के पास कटान हो गया। बाढ़ की चपेट में आने से दर्जनों गांव डूब गए। डोहरिया के पास मंझरिया में कटान के चलते गोरखपुर-लखनऊ रेलवे ट्रैक पर पानी आ गया है। गोरखपुर-वाराणसी राजमार्ग पर पानी ओवर फ्लो की स्थिति में है, इस पर यातायात बंद कर दिया गया है। नेपाल को जोडऩे वाला सोनौली मार्ग अभी बंद है। बेलीपार में दो बालकों और खोराबार में युवक की डूबने से मौत हो गई है।
महराजगंज में बाढ़ से 262 गांव प्रभावित व 47 गांव पूरी तरह से घिरे हैं। सोनौली हाइवे, राष्ट्रीय राजमार्ग 370 एवं ठूठीबारी-महराजगंज मार्ग पर आवागमन ठप है। हर गांव में अभी तक नाव नहीं पहुंची है। सिद्धार्थनगर में बाणगंगा भी खतरे के निशाने की तरफ बढ़ रही है। 250 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। सोमवार को जनपद में चार लोगों की डूबने से मौत हो गई। कुशीनगर में नारायणी नदी का जलस्तर घट रहा है। 29 गांव बाढ़ से घिरे हैं, 173 गांव व टोले प्रभावित हैं।
गोंडा में घाघरा का जलस्तर एक बार फिर बढऩे लगा है। सरयू में पानी कम हुआ पर कटान से तरबगंज तहसील के एैलीपरसौली गांव में चार लोगों के कच्चे मकान नदी में समा गए। बहादुरपुर गांव जाने वाली सड़क कट गई। सरयू व घाघरा लाल निशान से ऊपर बह रहीं है। बहराइच में नानपारा, महसी, कैसरगंज व मिहीपुरवा तहसीलों के 41 गांवों में बाढ़ का कहर जारी है। यहां घाघरा के जलस्तर में गिरावट के बावजूद लाल निशान से 45 सेमी ऊपर बह रही है। सैकड़ों घर ढह गए हैं। हजारों लोग बेघर हैं।
40 गांवों का संपर्क मार्ग आवागमन ठप है। 15 पशुओं की डूबकर मौत हो चुकी हैं। बलरामपुर में राप्ती सौ से अधिक गांव पानी से घिरे हैं। गौरा चौराहा थाना क्षेत्र के ग्राम भरवरिया निवासी गुरुदास की इलाज के अभाव में मौत हो गई। इस गांव में कई लोग उल्टी दस्त से भी पीडि़त हैं। बाराबंकी में घाघरा खतरे के निशान से 50 सेंटीमीटर ऊपर है। यहां करीब पांच हजार परिवार तटबंधों पर निवास करने को विवश हैं।
अंबेडकरनगर में घाघरा खतरे के निशान से 50 सेमी ऊपर है। आलापुर तहसील क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 15 नावों लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया जा रहा है। पूर्वांचल में आजमगढ़, बलिया और मऊ जिले के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुसा है। मऊ के दोहरीघाट और मधुबन क्षेत्र के 30 गांवों की लगभग 65 हजार की आबादी प्रभावित है, जबकि चक्की मूसाडोही के सभी डेढ़ सौ घरों में रविवार को बाढ़ का पानी घुस जाने से पांच सौ लोगों ने बाढ़ राहत शिविरों में शरण ले लिया है। हरे चारे का संकट खड़ा हो गया है। यहां अब तक 6,471 हेक्टेयर फसल प्रभावित होने का आकलन है। बलिया में घाघरा का पानी कई गांवों में घुसा है। आजमगढ़ में बाढ़ से प्रभावित 87 गांव के लोगों की दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही है।