लखनऊ. सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) ने शनिवार को 10th क्लास का रिजल्ट डिक्लेयर किया। इस साल कुल 16 लाख 67 हजार 573 स्टूडेंट्स ने यह एग्जाम दिया। 12th के नतीजे बोर्ड 28 मई को ही डिक्लेयर कर चुका है। कहां देखें रिजल्ट…
– रिजल्ट आप CBSE की ऑफिशियल वेबसाइट cbse.nic.in या उसकी होस्टिंग वेब लिंक cbseresults.nic.in पर देख सकते हैं।
– इनके अलावा results.gov.in और results.nic.in पर भी रिजल्ट चेक किया जा सकता है
– इसके लिए वेबसाइट क्लिक करें। यहां CBSE Class 10th results सिलेक्ट करें। नई विंडों में तय जगह पर रोल नंबर और सिक्युरिटी कोड डालें और सबमिट करें।
– इसके बाद आपका रिजल्स सामने होगा। यहीं से आप मार्कशीट प्रिंट ले सकते हैं या डाउनलोड कर सकते हैं।
पिछले साल लड़कियों का रिजल्ट रहा था बेहतर
– CBSE 10th में पिछले साल लड़कियों ने बेहतर परफॉर्म किया था। 96.36% लड़कियां, जबकि 96.11% लड़के पास हुए थे। पिछले साल कुल पास पर्सेंटेज 96.21 रहा था। 2015 में ये 97.32% था।
– पिछले साल कुल 14 लाख 91 हजार 293 स्टूडेंट्स इस एग्जाम में शामिल हुए थे। 2015 के मुकाबले 2016 में 8.5% ज्यादा स्टूडेंट्स एग्जाम में बैठे थे।
– तिरुवनंतपुरम रीजन का रिजल्ट सबसे बेहतर रहा था। वहां 99.87% स्टूडेंट्स ने एग्जाम में कामयाबी हासिल की थी।
ऐसे निकालें CGPA
– मार्कशीट में GPA (ग्रेड पॉइंट एवरेज) और CGPA दिया होता है, लेकिन आप इसे क्रॉस चेक करना चाहें ऐसे करें- पांचों सब्जेक्ट के GPA का टोटल करें और उसमें नंबर ऑफ सब्जेट, यानि पांच से डिवाइड करें। इस तरह आपको CPGA (कम्युलेटिव ग्रेड प्वॉइंट एवरेज) मिल जाएगा।
– जैसे- आपके पांच सब्जेट में GPA – 9, 9, 10, 8, 7 हैं, तो 9+9+10+8+7= 43/5= 8.6 आपका CGPA होगा।
मॉडरेशन पॉलिसी से ही आएगा रिजल्ट
– सीबीएसई की स्पोक्सपर्सन रमा शर्मा ने बताया 10th के रिजल्ट भी मॉडरेशन पॉलिसी के तहत ही आएंगे।
Q&A: क्या है मॉडरेशन पॉलिसी और इस बार क्यों हुआ विवाद?
Q. क्या होती है मॉडरेशन पॉलिसी?
– मॉडरेशन पॉलिसी के तहत स्टूडेंट्स को मुश्किल सवालों के लिए ग्रेस मार्क्स दिए जाते रहे हैं। इसी के साथ अगर क्वेश्चन पेपर में कोई सवाल गलत होता है, तब भी मॉडरेशन पॉलिसी के तहत स्टूडेंट्स को मार्क्स दिए जाते हैं।
– सीबीएसई के अलावा भी कई बोर्ड मॉडरेशन पॉलिसी के तहत स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स देते हैं। मॉडरेशन पॉलिसी की मदद से स्टूडेंट्स को अच्छे मार्क्स लाने में काफी मदद मिलती है।
Q. कैसे मिलते हैं ग्रेसमार्क्स?
– हर साल सीबीएसई क्वेश्चन पेपर के तीन सेट डिजाइन करता है। इन तीनों सेट में से एक सेट सबसे मुश्किल होता है। हर साल मुश्किल प्रश्नों को लेकर सीबीएसई के पास शिकायतें आती हैं।
– मुश्किल क्वेश्चन्स को लेकर सीबीएसई के पास कई शिकायतें आती हैं। इनके रिव्यू के लिए एक कमेटी बनाई जाती है। कमेटी को लगता है कि क्वेश्चन पेपर वाकई मुश्किल था, तो इस आधार पर स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिए जाते हैं।
Q. इससे मार्क्स पर कितना असर पड़ता है?
– 15% तक मार्क्स बढ़ सकते हैं।
Q. मॉडरेशन पॉलिसी को खत्म करने का फैसला कब हुआ?
– अप्रैल में एचआरडी मिनिस्ट्री की बैठक हुई थी। इसमें सीबीएसई समेत कई राज्यों के दूसरे बोर्ड ने भी मॉडरेशन पॉलिसी खत्म करने का फैसला किया था। इसके बाद सीबीएसई ने फैसले को लागू करते हुए यह पॉलिसी खत्म कर दी थी।
Q. क्यों हुआ विवाद?
– मॉडरेशन पॉलिसी के खत्म होने से स्टूडेंट्स के मार्क्स का पर्सटेंज कम हो जाता। ऐसे में एक पेरेंट्स ने इसके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में पिटीशन लगाई थी। उनका कहना था कि नोटिफिकेशन से नियम बदला तो स्टूडेंट्स पर गलत असर होगा।
Q. मॉडरेशन पॉलिसी पर हाईकोर्ट ने क्या कहा था?
– कोर्ट ने कहा, “बीच में नियम नहीं बदले जा सकते हैं। जिन बच्चों ने आधी रात तक जाग कर तैयारी की, उन्हें पता होना चाहिए कि बोर्ड का सिस्टम कैसे काम कर रहा है। बोर्ड इस साल पॉलिसी वापस नहीं ले सकता है। ऐसा कर आप बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते हैं। पॉलिसी चेंज करने से अगर कोई स्टूडेंट विदेशी यूनिवर्सिटी में दाखिला पाने से चूक गया तो ये उसके लिए तबाही से कम नहीं होगा। जिन बच्चों ने परीक्षा दी है, उन्हें परेशानियों में मत डालो।”