केंद्र सरकार ने फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) के चेयरमैन गजेंद्र चौहान को संस्थान का दूसरा कार्यकाल नहीं दिया जाएगा। गजेंद्र चौहान का कार्यकाल 3 मार्च 2017 को खत्म हो गया था। वहीं अपने 14 महीने के कार्यकाल के दौरान गजेंद्र चौहान सिर्फ एक बार ही संस्थान में किसी मीटिंग को अटेंड करने गए थे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने 7 जनवरी 2016 को ही एक मीटिंग अटेंड की थी। गजेंद्र चौहान को एफटीआईआई का चेयरमैन बनाए जाने पर उनका काफी विरोध किया गया था। 139 दिनों तक एफटीआईआई के छात्रों ने हड़ताल की थी जिनमें से कुछ छात्रों ने अनशन भी किया था। वहीं अपने कार्यकाल के समाप्त होने से एक दिन पहले हुई बैठक में स्कॉलरशिप बढ़ाने और छात्रों को एकेडमिक्स की बैठकों से बाहर रखने को लेकर बातचीत की गई।
वहीं गजेंद्र चौहान की काफी आलोचना उनके कैंपस से बाहर रहने को लेकर भी हुई थी। चौहान ने एक्सप्रेस को बताया कि जयपुर, वाइजैक, लखनऊ, चंडीगढ़, भोपाल समेत कई जगहों पर इंस्टिट्यूट्स खोले जाएंगे। वहीं कुछ स्टेट्स में शॉर्ट टर्म कोर्सिस शुरू करने की भी बात बताई। वहीं उन्होंने यह भी बताया कि छात्रों की स्कॉलरशिप 22 हजार रुपये सालाना से बढ़ाकर 25 हजार रुपये सालाना की गई है। वहीं उन्होंने यह भी बताया कि पहले अगर दो छात्रों के बीच में टाइअप होता था तो उन्हें स्कॉलरशिप आधी-आधी मिलती थी लेकिन अब एक छात्र को 25 हजार रुपये मिलेंगे। वहीं छात्रों को एकेडमिक्स की बैठकों से बाहर रखने को लेकर छात्रों ने चौहान पर आरोप लगाए कि उन्हें एकेडमिक्स के जरूरी फैसलों से दूर रखने के लिए यह फैसला लिया गया।
एफटीआईआई छात्रों के साथ-साथ फिल्मी जगत के कई कलाकारों ने भी गजेंद्र चौहान की काबिलियत पर सवाल खड़े करते हुए उन्हें संस्थान का उच्चतम पद देने का विरोध किया था। संस्थान के छात्रों ने पूणे से लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर तक विरोध प्रदर्शन किया था, जिसकी वजह से चौहान अपने नियुक्ति के सात महीने तक अपना पदभार संभाल नहीं पाए थे। एफटीआईआई के नए चेयरमैन के लिए सरकार ने अब तलाश शुरू कर दी है।