उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में अफ्रीकी छात्रों के खिलाफ हो रहे हमले ने भारत की परेशानी बढ़ा दी है। इन हमलों से नाराज अफ्रीकी मिशनों ने विशेष बैठक कर भारत पर अफ्रीकी मूल के लोगों को पर्याप्त सुरक्षा न देने और घटना की निंदा न करने का गंभीर आरोप लगाया है।
मिशन ने इन हमलों को नस्लीय करार देते हुए इसकी जांच मानवाधिकार परिषद के साथ-साथ दूसरे मानवाधिकार संगठनों से कराने की मांग की और जरूरत पड़ने पर इसे संयुक्त राष्ट्र में उठाने की घोषणा की है।
ग्रेटर नोएडा में नाइजीरियाई समेत अफ्रीकी मूल के नागरिकों के खिलाफ हिंसा की एक के बाद एक घटना सामने आने के बाद अफ्रीकी मिशन के प्रमुखों ने सोमवार को विशेष बैठक बुलाई। बैठक में इन हमलों को नस्लीय मानते हुए इसकी कड़ी निंदा की गई।
बाद में एक बयान जारी कर आरोप लगाया गया कि भारत सरकार ने हमले रोकने के लिए पर्याप्त और दिखने लायक उपायों का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने बयान में भारत सरकार में स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर हमलों की कड़ी निंदा की उम्मीद जताई और हमलावरों के खिलाफ तेजी से कानूनी कार्रवाई की उम्मीद जताई।
बयान में यह भी कहा गया है कि मिशनों के प्रमुख अफ्रीकी यूनियन कमीशन में मामले की रिपोर्ट सौंपेंगे। गौरतलब है कि पिछले दिनों हमला मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात की थी। इसके बाद इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। स्थानीय प्रशासन ने हालांकि इन हमलों को नस्लीय हमला मानने से इंकार किया था।
अफ्रीकी मिशन की टिप्पणी ‘दुर्भाग्यपूर्ण’: सुषमा
अफ्रीकी छात्रों के साथ मारपीट की घटना पर अफ्रीकी मिशन की टिप्पणी को भारत ने ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया है। ग्रेटर नोएडा में एक भारतीय छात्र की मौत की प्रतिक्रिया में आपराधिक घटना को अफ्रीकी मिशन ने नस्लीय और विदेशियों को नापसंद करने वाला कृत्य बताया है।
अफ्रीकी देशों की कड़ी टिप्पणी का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय ने सोमवार रात को कहा कि भारतीय छात्र की मौत और उसके बाद उपजे हालात की स्थानीय अधिकारियों द्वारा जांच की जा रही है।