कहा जाता है कि रजोनिवृत्ति किसी भी महिला को पूर्ण स्त्रीत्व देती है। जब कोई किशोरी युवती बनने के बाद मासिक चक्र की पीड़ा और उसकी पद्धति से गुजरती है तो उसे पूर्ण रूप से मां बनने योग्य मान लिया जाता है। महिलाओं में यह स्थिति करीब 45 वर्षों तक चलती रहती है। जब मोनापाॅज आता है तो यह महिलाओं के लिए तरह तरह के बदलाव लाता है। ऐसे में महिलाओं का मानना रहता है कि उनके पति की उनमें किसी तरह की दिलचस्पी नहीं है। मगर अब ऐसी महिलाऐं भी सेक्स का सुख पा सकती हैं।
जी हां मोनोपाॅज में महिलाओं को शारीरीक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता ह। कई बार महिलाऐं अधिक रक्त स्त्राव से परेशान रहती हैं तो कहीं वे यह मानती हैं कि उनका पार्टनर अब उनमें पहले की तरह इंजाॅय नहीं कर पा रहा है। ऐसे में वह तरह – तरह की आशंकाओं से घिर जाती है, उसे पति की फ्रस्टेशन का सामना भी करना पड़ता है। मोनोपाॅज में अधिक थकान आ जाने के कारण वह घर की जिम्मेदारियों को सही तरह से नहीं निभा पाती ऐसे में परिवार के अन्य सदस्य भी उस पर अपना रौब चलाते हैं।
ऐसे में वह और परेशान हो जाती है। मगर सेक्स की जरूरत से अपने साथी के दूर होने की आशंका के बीच अब महिलाओं के लिए एक नया प्रयोग कारगर साबित हुआ है जिसमें मोनोपाॅज के बाद सेक्स लाईफ का आनंद लेना इन महिलाओं के लिए कारगर हो सकता है। महिलाऐं खुद को फिजीकली अट्रेक्ट भी रख सकती हैं। न्यूयाॅर्क में किए गए इस शोध में कुछ महिलाओं को एक जेल अपने यौननांग पर लगाने के लिए कहा गया, जिसमें टीएक्स -004 एचआर नामक यौगिक शामिल था।
जब महिलाओं ने इसे अपने यौननांग पर लगाकर सेक्स किया तो उन्हें सेक्स में अधिक आनंद आया और दर्द भी नहीं हुआ। मोनोपाॅज के अंतर्गत आने वाली कुछ महिलाओं ने जब जेल लगाए बिना सेक्स किया तो यह उनके लिए अधिक तकलीफदेह रहा।