भले ही राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना अभी बाकी हो, लेकिन केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पूरे अयोध्या शहर के कायाकल्प की तैयारी शुरू कर दी है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय और योगी सरकार के बीच एक बैठक हुई थी, जिसमें तय किया गया कि अयोध्या में विकास कार्य जल्द ही शुरू होगा। जब हम रामायण सर्किट की बात करते हैं तो इसका मतलब सिर्फ म्यूजियम ही नहीं है, इसमें पूरे अयोध्या शहर का समूचा विकास शामिल है। केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने बताया कि उन्होंने और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के विकास के लिए एक रोडमैप तैयार किया है, जिसमें कई क्षेत्र शामिल हैं।
ये होंगे विकास कार्य: अयोध्या में और उसके बाहर सड़कों का निर्माण कराया जाएगा। सरयू नदी के घाटों की सफाई कराई जाएगी और उन्हें फिर से बनाया जाएगा। अयोध्या तक आने के लिए रेल कनेक्टिविटी को और बेहतर किया जाएगा। साथ ही लोगों के लिए रेलवे स्टेशन पर सभी तरह की आधुनिक सुविधाएं होंगी। फैजाबाद में मौजूद हवाई पट्टी को घरेलू एयरपोर्ट के तौर पर विकसित किया जाएगा, ताकि क्षेत्रीय संपर्क बढ़ सके। इंटरनेशनल मानकों के आधार पर होटल, खाने की जगहों और बाजारों को विकसित किया जाएगा। शहर के सभी मशहूर पर्यटन स्थलों का विकास किया जाएगा।
राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना अभी बाकी है, लेकिन हमने अयोध्या शहर में अन्य विकास कार्यों के लिए हरी झंडी दे दी है। रामायण सर्किट में सिर्फ भारत की ही साइट्स नहीं, बल्कि नेपाल और श्रीलंका में भी विकास कार्य होंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के धार्मिक पर्यटन स्कीम के तहत सिर्फ अयोध्या ही नहीं, हरजतबल, अमृतसर और अजमेर के अलावा 21 अन्य जगहों को विकसित किया जाएगा। केंद्र सरकार ने 25 धार्मिक शहरों को चिन्हित किया है, जिन्हें केंद्र सरकार की स्कीम के तहत विकसित किया जाएगा।